चोरी डकैती लूट सहित अन्य अपराधो पर लगाम कसने की पुलिया की तैयारी में आमजन करे सहयोग।
आदेश का उलंघन करने पर हो सकती हैं कार्यवाही।
शाहपुरा@(किशन वैष्णव)धारा 31 बीएनएसएस के अन्तर्गत पुलिस को सहयोग हेतु जिला शाहपुरा के क्षेत्राधिकार में स्थित विभिन्न शहर,कस्या, गली,मोहल्ला एवं ग्रामों में स्थित धार्मिक स्थल एवं वित्तीय, वाणिज्यिक,व्यापारिक एवं व्यवसायिक संस्थानों यथा बैंक,एटीएम,प्राईवेट लॉकर्स कम्पनीज,ज्वैलरी शॉप,पेट्रोल पम्प, मॉल्स,होटल्स, सिनेमा हॉल,सिने कॉम्पलेक्सेज,शराब व बीयर की दुकानों, ईटिंग हाउसेज, मल्टीस्टोरी,बहुमंजिला सोसायटी,गेस्ट हाउसेज,धर्मशालाएं, रेस्टोरेंटस,वार, पब, क्लव हाउसेज के परिसरों में नकदी व कीमती वस्तुओं का आदान-प्रदान होता है।इन संस्थानों में काफी संख्या में प्रत्येक आयुवर्ग के पुरुष एवं महिलाओं की निरन्तर आवाजाही बनी रहती हैं।तथा यहाँ पर काफी मात्रा में नगदी का आहरण वितरण भी होता हैं,जिसके कारण इन संस्थानों एवं इनके आस-पास के क्षेत्रों में चोरी,लूट, नकबजनी,डकैती, स्नैचिंग,धोखाधड़ी एवं छेड़छाड़ इत्यादि की घटना घटित होने की प्रवल संभावना बनी रहती हैं।इन संस्थानों पर आपराधिक गिरोह एवं असामाजिक तत्वों द्वारा अपराध कारित करने से आमजन के जान-माल की क्षति होने की संभावना भी बनी रहती हैं।इस प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए इन संस्थानों के अन्दर व बाहर हाई क्वालिटी एवं अधिक स्टोरेज क्षमता वाले सी.सी.टी.वी. कैमरों का इन्सटालेशन करवाये जाने की आवश्यकता हैं। इन संस्थानों में से काफी संस्थानों के अन्दर एवं बाहर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हुए हैं। यदा-कदा कहीं लगे हुए भी हैं तो वे पर्याप्त मात्रा में एवं अच्छी गुणवत्ता के नहीं लगे हुए हैं।इनमें से अधिकतर कैमरे क्रियाशील अवस्था में भी नहीं है।वर्तमान समय में अवांछनीय गतिविधियों एवं अपराधिक घटनाओं की रोकथाम की दृष्टि से पुलिस एवं आमजन के लिए सीसीटीवी कैमरों को उपयोगिता परमावश्यक हो गयी हैं। कैमरों के लगाने से न केवल अपराध कम करने में मदद मिलेगी बल्कि इन संस्थानो में कार्यरत जन समूह के साथ-साथ आमजन का विश्वास भी उनके जान-माल की सुरक्षा एवं संरक्षा के प्रति मजबूत होगा। इसके अतिरिक्त न्यायालयों में आपराधिक कृत्य को साबित करने के लिए सबूतों के रुप में भी सीसीटीवी रिकार्डिंग्स की बहुत महत्वपूर्ण उपयोगिता हैं।कैमरा स्थापित करने से आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम के साथ-साथ उक्त संस्थानों की वाणिज्यिक गतिविधियों के विकास में भी मदद मिलेगी।पुलिस से आमजन एवं सम्पत्ति की सुरक्षा हेतु तथा कानून-व्यवस्था एवं लोकशान्ति को प्रभावित करने वाली आपराधिक एवं आतंकी घटनाओं की रोकथाम हेतु पर्याप्त एवं त्वरित कार्यवाही किया जाना अपेक्षित हैं।अतः जिला शाहपुरा के क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाये रखने एवं अपराध नियन्त्रण हेतु उक्त संस्थानों के परिसर में एवं उनके बाहर की तरफ सड़क पर हर दिशा की रिकार्डिंग हेतु अच्छी क्वालिटी एवं कम से कम 15 दिवस तक की रिकार्डिंग के नाईट विजन कैमरे पावर बैकअप के साथ लगवाने हेतु भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 31 तहत आदेश प्रसारित करना आवश्यक हैं।अतः भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 31 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए,मैं जिला पुलिस अधीक्षक शाहपुरा सहयोग की अपेक्षा करता हूँ: उक्त संस्थानों में पर्याप्त संख्या में अच्छी गुणवत्ता और प्ले बैंक सुविधायुक्त रिकार्डिंग सिस्टम सहित सीसीटीवी कैमरे स्थापित करें। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि स्थापित किये गये सीसीटीवी कैमरे संस्थानों के भीतर एवं बाहर के क्षेत्र को एवं संस्थान के बाहर सड़क के दौरानो और भी रिकार्डिंग इस प्रकार से कवर करें कि संस्थान के समस्त प्रवेश एवं निकास द्वारों के साथ-साथ सड़क पर नजर रखी जा सकें।स्थापित किये गये सीसीटीवी कैमरे सतत् क्रियाशील अवस्था में रहे तथा समय-समय उनको चैक करें तथा उचित मेंटिनेस के द्वारा उनका क्रियाशील रहना सुनिश्चित किया जाए।
स्थापित किये गये सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग 15 दिवस तक सुरक्षित रखी जाए तथा कैमरों को क्वालिटी भी बेहतर होना सुनिश्चित किया जाए।उपरोक्त संस्थान कैमरा की रिकार्डिंग को पुलिस अधिकारी द्वारा मांगे जाने पर उक्त रिकार्डिंग पैन ड्राईव सी.डी. अधिकृत मेल पर अविलम्ब उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।उक्त कैमरों की सम्पूर्ण सूचना अपने स्थानीय थाना को लगाने के एक माह के अन्दर देंगे।जिले के शहर, कस्बा, गली, मोहल्ला एवं ग्रामों में स्थित धार्मिक स्थल एवं वित्तीय, वाणिजिक, व्यापारिक एवं व्यवसायिक संस्थाएं यथा बैंक, एटीएम, प्राईवेट लॉकर्स कम्पनीज, ज्वैलरी शॉप, पेट्रोल पम्प, मॉल्स, होटल्स, सिनेमा हॉल, सिने कॉम्पलेक्सेज, शराव व बीयर की दुकानों, ईटिंग हाउसेज, मल्टीस्टोरी वहुमंजिला सोसायटी, गेस्ट हाउसेज, धर्मशालाएं, रेस्टोरेंटस, बार, पव, क्लव हाउसेज के द्वारा इस आदेश का उल्लंघन करने पर उक्त संस्थानों के संचालनकर्ता को भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत दण्डित किया जा सकता है।