कोटा। स्मार्ट हलचल/हाड़ौती पत्रकारिता के स्तंभ और संघर्षशील व्यक्तित्व के धनी भंवर सिंह सोलंकी का आज रात दुखद निधन हो गया। भतीजे हर्षवद्र्धन सिंह ने बताया कि 85 वर्षीय सोलंकी स्वस्थ थे कुछ दिनों से वायरल बुखार था उन्हे शनिवार रात्रि घबराहत महसूस हो रही थी। इसके उपरान्त अस्पताल ले जाया गया जहां साइलेंट हार्ट अटैक मृत्यु का कारण बताया गया।
जीवन परिचय और योगदान:
भंवर सिंह सोलंकी मूलतः कोटा जिले की कनवास तहसील के पानाहेड़ा गांव के निवासी थे। उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई। खासकर कृषकों और ग्रामीण वर्ग की समस्याओं को उजागर करने के लिए उन्होंने औघोगिक कृषि समाचार पत्र का वर्ष 1981 से नियमित प्रकाशन कर रहे थे।
वे हाड़ौती के जे.के. गोलीकांड, आपातकाल संघर्ष, और हाड़ौती विश्वविद्यालय के घटनाक्रम के साक्षी रहे। कोटा की राजनीति, दल-बदल, विकास योजनाओं, और भ्रष्टाचार के चेहरों को उजागर करने में उनकी कलम का योगदान अमूल्य था। सोलंकी जी पत्रकारिता के उन संघर्षशील व्यक्तित्वों में से थे, जिन्होंने उपेक्षित वर्गों की आवाज़ को बुलंद किया।
व्यक्तिगत जीवन:
वे अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके परिवार में पत्नी, एक पुत्र, और दो पुत्रियां हैं। पुत्र यतिन्द्र सिंह सौलंकी,पुत्री पूजा व गौरीकां है। उनकी पुत्री पूजा हाड़ा वर्तमान में सांगोद से पंचायत समिति सदस्य हैं।
सामाजिक और राजनीतिक जुड़ाव:
भंवर सिंह सोलंकी विद्यार्थी परिषद से लंबे समय तक जुड़े रहे और सामाजिक सरोकारों में सक्रिय भूमिका निभाई।
उनका निधन पत्रकारिता जगत और हाड़ौती क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका संघर्ष और समर्पण भाव नई पीढ़ी के पत्रकारों के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा।