Homeराज्यउत्तर प्रदेशभव्य शोभायात्रा के साथ प्रारम्भ हुआ सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान...

भव्य शोभायात्रा के साथ प्रारम्भ हुआ सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव

सुदृढ़ मानवता की श्रेणी में खड़ा होकर पर सेवा में रत रहना ही मनुष्य जीवन की परिभाषा : आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन।स्मार्ट हलचल/रमणरेती क्षेत्र स्थित फोगला आश्रम में गौसेवा परिवार, सीतारामप्यारी सोभासरिया चैरिटेबल ट्रस्ट (कलकत्ता) के तत्वावधान में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारम्भ हो गया है।महोत्सव का शुभारभ प्रातःकाल गाजे-बाजे के मध्य निकाली गई श्रीमद्भागवत जी की भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ।जिसमें श्रीहरिनाम संकीर्तन करते हुए सैकड़ों भक्त-श्रृद्धालु एवं पीत वस्त्र पहने महिलाएं सिर पर मंगल कलश धारण कर साथ चल रही थीं।तदोपरांत यजमान परिवार द्वारा श्रीमद्भागवत महापुराण एवं व्यासपीठ का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन किया।
व्यासपीठ से श्रीहरिदासी वैष्णव संप्रदायाचार्य विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण जी महाराज ने अपनी सरस वाणी के द्वारा सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भागवत महापुराण का महात्म्य श्रवण कराते हुए कहा कि मनुष्य योनि में जन्म लेने मात्र से जीव को मानवता प्राप्त होती नहीं है।मानवता वहीं से प्रारंभ होती है जहां स्वार्थ समाप्त होता है। यदि मनुष्य योनि में जन्म लेने के बाद भी उसमें स्वार्थ की भावना भरी हुई है, तो वह मनुष्य
होते हुए भी राक्षसी वृत्ति की पायदान पर खड़ा रहता है।यदि व्यक्ति स्वार्थ की भावना को पूर्णतः त्याग कर हमेशा परमार्थ और सेव भाव से जीवन यापन करे, तो निश्चित रूप से वह एक अच्छा इंसान बन जाता है।अर्थात् सुदृढ़ मानवता की श्रेणी में खड़ा होकर पर सेवा में रत रहना ही मनुष्य जीवन की परिभाषा है। क्योंकि परमार्थ की भावना ही व्यक्ति को महान बनाती है
श्रद्धेय आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा सुनने से व्यक्ति के मन-बुद्धि का आध्यात्मिक विकास होता है।अन्य युगों में जहां मोक्ष की प्राप्ति करने के लिए जप-तप, हवन-यज्ञ एवं दान-पुण्य आदि करने पड़ते थे, वहीं कलयुग में श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा सुनने मात्र से जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के स्मरण करने मात्र से हमारे सभी पापों का नाश हो जाता है।साथ ही जीव को अनन्त पुण्यों की प्राप्ति होती है।इस दिव्यातिदिव्य ग्रंथ की अमृतमयी कथा को पान करने के लिए देवतागण भी लालायित रहते है।जब कि प्राणियों को इसका लाभ सहज ही में प्राप्त हो रहा है। श्रीमद्भागवत कथा सुनने से मानव जीवन का कल्याण होता है और उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
महोत्सव में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, प्रमुख समाजसेवी दासबिहारी अग्रवाल, पण्डित किशोर शास्त्री, आचार्य राजा पण्डित, पंडित उमाशंकर मिश्रा एवं डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
news paper logo
AD dharti Putra
logo
AD dharti Putra
RELATED ARTICLES