ब्यावर। स्मार्ट हलचल|शहर में पिछले कुछ दिनों से यातायात पुलिस व परिवहन विभाग की संयुक्त कार्रवाई के विरोध में सोमवार को ऑटो रिक्शा चालकों ने जिला कलेक्टर को सामूहिक ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही पर रोक लगाने व जायज़ मांगों को मानने की अपील की।ज्ञापन में बताया गया कि शहर के सभी ऑटो चालकों को बिना किसी पूर्व सूचना के लगातार रुकवाया जा रहा है, जिससे उनका रोज़गार प्रभावित हो रहा है। चालकों ने कहा कि उनके पास पहले से ही सीमित साधन हैं, ऊपर से प्रतिदिन 10 से 12 हजार रुपये तक का चालान थोपे जाने से परिवार का भरण–पोषण करना मुश्किल हो रहा है।ऑटो चालकों का कहना है कि बीते कुछ वर्षों में COVID-19 व महंगाई की वजह से पहले ही आर्थिक स्थिति कमजोर हो चुकी है। ऐसे में प्रशासन की कड़ी कार्रवाई से उनकी रोज़ी-रोटी खतरे में पड़ गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई स्थानों पर ऑटो को बिना कारण जब्त भी किया जा रहा है।
ज्ञापन में ऑटो चालकों ने जिला प्रशासन से निम्न मुख्य मांगें रखीं—
1. ऑटो रिक्शा में 5 से 6 सवारी बैठाने पर रोक हटाई जाए, क्योंकि इसी से उनकी आजीविका चलती है।
2. स्कूली बच्चों के परिवहन की अनुमति दी जाए, जिससे चालकों को स्थायी आय का साधन मिल सके।
3. परिवहन विभाग व यातायात पुलिस द्वारा बार–बार की जाने वाली कार्यवाही पर रोक लगाई जाए, ताकि ऑटो चालकों को बिना डर–भय के रोजगार करने दिया जा सके।
चालकों ने यह भी कहा कि सुबह–शाम स्कूल–कॉलेज के समय शहर में यातायात का दबाव अधिक रहता है, ऐसे में बिना कारण ऑटो रोकने से ट्रैफिक जाम बढ़ता है और यात्रियों को भी परेशानी होती है।
“रोज़गार बंद हुआ तो परिवार कैसे चलेगा” – ऑटो चालक
एक चालक ने बताया कि—
“हम दिनभर मेहनत कर जो थोड़ा-बहुत कमाते हैं, उसी से परिवार चलता है। यदि 10–12 हजार का चालान काट दिया जाएगा, तो हम घर कैसे चलाएँगे। ऑटो चालकों ने प्रशासन से मांग की है कि शहर के यातायात प्रबंधन के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था लागू की जाए, जिससे न तो ट्रैफिक प्रभावित हो और न ही ऑटो चालकों का रोजगार। ज्ञापन सौंपते समय जिला ऑटो यूनियन अध्यक्ष घनश्याम सिंह भाट, उपाध्यक्ष जाकिर हुसैन रंगरेज, महासचिव महेंद्र परिहार, महामंत्री महेंद्र सिंह रावत, लाल गुर्जर, महादेव सिंह रावत, सचिव अजीत काठात उपस्थित रहे। इसके साथ ही कोषाध्यक्ष मुकेश दगदी, बाबू कासिम, प्रचार मंत्री मोहम्मद शाकिर, संगठन मंत्री राजू नाथ योगी, राजेंद्र तंवर तथा यूनियन के विधि सलाहकार एडवोकेट शंभू यादव भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे। यूनियन पदाधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में ऑटो चालकों को आ रही समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन को अवगत कराया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मांगों पर शीघ्र सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी।


