श्री हनुमन्त कथा के समापन दिवस पर कथा दोपहर 12 बजे से शुरू होगी
बागेश्वरधाम सरकार के दर्शन व कथा सुनने चौथे दिन भी उमड़ा भक्तों का अपार सैलाब
भीलवाड़ा, 9 नवम्बर। विख्यात आध्यात्मिक गुरू व कथावाचक बागेश्वरधाम सरकार धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज के मुखारबिंद से पांच दिवसीय हनुमन्त कथा का चौथे दिन शनिवार को भी भक्ति से ओतप्रोत आस्थावान श्रद्धालुओं ऐसा सैलाब उमड़ा कि विशाल पांडाल भी छोटा प्रतीत हुआ। छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महन्त श्री बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में श्री टेकरी के हनुमानजी कथा समिति के तत्वावधान में तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में आरसीएम ग्राउंड कथास्थल पर व्यास पीठ पर बागेश्वरधाम सरकार के विराजित होते ही पांडाल जय बालाजी महाराज की,जय बागेश्वर सरकार की उद्घोष से गूंजायमान हो उठा। श्री हनुमन्त कथा समापन दिवस रविवार को दोपहर 12 बजे से शुरू होकर करीब 2.30 बजे तक चलेगी। चौथे दिन हनुमन्त कथा श्रवण कराने के लिए बागेश्वरधाम सरकार धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज मंच पर छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महन्त श्री बनवारीशरण काठियाबाबा के साथ पहुंचे तो उनकी एक झलक पाने के लिए हजारों श्रद्धालु आतुर हो उठे। उन्होंने सबको आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि हनुमानजी करे जितने भी लोग कथा सुनने आए सबकी झोली भर जाए ओर सबकी अर्जी स्वीकार होकर बागेश्वर बालाजी की कृपा हो जाए। हम प्रार्थना कर सकते है कृपा करने वाले बालाजी है। उन्होंने कथा में हजारों युवाओं की मौजूदगी को देखते हुए उन्हें इंगित करते हुए कहा कि रील बाद में देख लेना पहले अध्ययन पर ध्यान देना। सब कुछ कर लेना पर सबसे पहले लक्ष्य प्राप्त कर अपने माता पिता के सपनों को साकार करना जो पढ़ाने के लिए दिनरात एक कर फीस का प्रबंध करते है। उन्होंने कहा कि भगवान को भक्ति से ही प्राप्त कर सकते है ओर कथा श्रवण करना भी भक्ति है। हम लोगों को वैरागी नहीं भगवान का भक्त बनाना चाहते है। बच्चों को कुछ भी बनाओ पर सबसे पहले अच्छा इंसान बनाओ व मानवता के गुण प्रदान करो। बागेश्वरधाम सरकार ने वर्तमान में परिवारों में बिखराव पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों को सनातन संस्कृति के साथ जोड़ना होगा ओर हमारी कम होती जनसंख्या पर ध्यान देना होगा अन्यथा एक दिन ऐसा आएगा जब इस देश का हिन्दू अल्पसंख्यक हो जाएगा। ऐसा नहीं हो इसके लिए सरकार को जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू कर सभी के लिए दो बच्चों का नियम बनाना होगा अन्यथा हमारे परिवारों में भी चार बच्चें तो होने चाहिए। उन्होंने कहा कि संतान वहीं महान है जिनके नाम से माता-पिता को पहचाना जाए। सेल्फी लेने से कोई फेमस नहीं बनता स्वयं का किरदार उंचा करना होता है। जो बच्चे माता-पिता व गुरू को प्रतिदिन प्रणाम करते है उनकी आयु,विद्या, यश व बल बढ़ता है। उन्होंने सनातनियों को सफल जीवन के मंत्र प्रदान करते हुए कहा कि प्रतिदिन सूर्योदय से पहले जाग जाओ, प्रतिदिन स्वाध्याय करो, महापुरूषों व महान लोगों की जीवन पढ़ो, शाम के समय पूरा परिवार एक साथ रामचरितमानस का पाठ करे ओर हर मंगलवार या शनिवार किसी एक दिन सभी हिन्दू मंदिरों में एकत्रित हो ओर सनातन धर्म की मजबूती के लिए चर्चा करे। उन्होंने इस बात को दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि हम बच्चों को सांता क्लाज बनाना चाहते है पर राम नहीं बनाते। बच्चों को धर्मवान व संस्कारित बनाने पर ही हमारा धर्म मजबूत होगा। हिन्दू एकजुट रहेंगे तो धर्म विरोधियों को भागना पड़ेगा। श्री हनुमन्त कथा के चौथे दिन व्यास पीठ पर बागेश्वरधाम सरकार के विराजित होते ही पांडाल जय बालाजी महाराज की,जय बागेश्वर सरकार की उद्घोष से गूंजायमान हो उठा। महन्त श्री बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में व्यास पीठ की आरती करने वालों में महन्त आशुतोष दास, महन्त रामदासजी महाराज, आयोजन समिति के अध्यक्ष विधायक गोपाल खण्डेलवाल के साथ आयोजन को सफल बनाने में सेवा प्रदान कर रहे कई कार्यकर्ता शामिल थे। बागेश्वरधाम सरकार सभी के प्रति मंगलकामनाएं व्यक्त करते हुए आशीर्वाद दिया। कथ आयोजन को सफल बनाने में अध्यक्ष गोपाल खण्डेलवाल, संरक्षक त्रिलोकचंद छाबड़ा, प्रकाशचन्द छाबड़ा, महावीरसिंह चौधरी,कैलाशचन्द्र कोठारी, उमरावसिंह संचेती, सम्पतराज चपलोत, संयोजक आशीष पोरवाल, महासचिव श्यामसुंदर नौलखा, कोषाध्यक्ष राकेश दरक, उपाध्यक्ष कैलाशचन्द्र योगेश लड्ढा, चितवन व्यास, नवनीत सोमानी, राधेश्याम बहेड़िया, बनवारीलाल मुरारका, दिनेश नौलखा, मुकेश खण्डेलवाल, दिनेश बाहेती, सचिव हेमेन्द्र शर्मा, सहसचिव राजेन्द्र कचोलिया, संयुक्त सचिव दिलीप काष्ट, सचिन काबरा, राजकमल अजमेरा, धर्मराज खण्डेलवाल, कांतिलाल जैन, उज्जवल जैन, तेजसिंह पुरावत,देवीलाल जाट आदि के साथ सैकड़ो सेवादारों व भक्त अहम सहयोग प्रदान कर रहे है।
भगवान का नाम जपने से विकार मिट जाते विचार शुद्ध हो जाते
बागेश्वरधाम सरकार धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने कहा कि नाम जाप की महिमा पर चर्चा करते हुए कहा कि भगवान का नाम जपने से मंगल होगा ओर अमंगल मिट जाएगा। भगवान का नाम जपने से विकार मिट जाते ओर विचार शुद्ध हो जाते है। इस दौरान अन्य विचार परेशान नहीं करेंगे ओर मन एकाग्र रहेगा। नाम जपने वालों का बौद्धिक स्तर भी उंचा होगा ओर भगवान का स्मरण करने से बुद्धि तेज होगी। उन्होंने कहा कि कलयुग में भगवान का नाम ही सार है बाकी सब बेकार है। नाम जाप करने से वाणी सिद्ध होती है ओर जो भी मुंह से बोले वह सत्य हो जाता है। कोई नाम बड़े भाव के साथ जपा जाए तो आम शब्द भी मंत्र बन जाता है। हमे प्रण लेना है कि जितना भी समय हो सके भगवान के नाम का जाप करना है। जब जुबान ही नहीं दिल भी जाप करने लग जाए तो फल प्राप्त होता है।
बालिका गंगा की भरतनाट्यम प्रस्तुति ने जीता भक्तों का दिल
चौथे दिन कथा के शुरू में बाड़मेर से आई 11 वर्षीय बालिका गंगा शर्मा ने सत्यम शिवम सुन्दरम गीत पर भरतनाट्यम नृत्य की मनमोहक भावपूर्ण प्रस्तुति दी तो पांडाल करतल ध्वनि से गूंजायमान हो उठा। नृत्य की समाप्ति पर बागेश्वरधाम सरकार ने उसे आशीर्वाद प्रदान किया। उसके साथ पिता बाड़मेर के पुलिस उप अधीक्षक रमेश जोशी व माता लक्ष्मी शर्मा भी मंच पर पधारे। उन्होंने बताया कि बिटिया गंगा दस वर्ष से कम 9 वर्ष की उम्र में भरतनाट्यम की उपाधि प्राप्त करने वाली देश की दूसरी सबसे कम उम्र की बालिका है। बागेश्वरधाम में सामान्य वेशभूषा में बिटिया ने नृत्य की प्रस्तुति दी थी तो बागेश्वरधाम सरकार का आशीर्वाद मिला ओर आज विधिवत नृत्य की वेशभूषा में लाखों भक्तों के सामने नृत्य प्रस्तुति देकर आशीर्वाद पाने का परम सौभाग्य मिला।
भजन कर मस्त जवानी में बुढ़ापा किसने देखा है
कथा के दौरान भक्ति का रंग छाया रहा। बागेश्वरधाम सरकार के भजनों पर श्रद्धालु भक्तगण दोनों हाथ उठा झूमते रहे ओर जयकारे गूंजते रहे। उन्होंने भजन कर मस्त जवानी में बुढ़ापा किसने देखा है जैसे भजन पेश किए तो हजारों भक्तगण अपनी जगह खड़े होकर प्रभु भक्ति से ओतप्रोत हो झूमने लगे। श्री हनुमन्त कथा के दौरान जब भी बागेश्वरधाम सरकार ने सनातन एकता, हिन्दु एकता व जागृति की बात की तो पांडाल में जयश्री राम, हर हर महादेव ओर जय बालाजी महाराज के जयकारे गूंजायमान होते रहे। जय सांवलिया सेठ की, जय श्रीनाथजी के जयकारे भी गूंजे।
बागेश्वरधाम सरकार का आशीर्वाद पाने को आतुर रहे भक्त
बालाजी महाराज की भक्ति भावना से ओतप्रोत भक्तगण विशाल पांडाल में बैठने की जगह मिलना मुश्किल होने के बावजूद भी भक्ति के रंग में रंगे रहकर जहां जगह मिले वहीं बैठ कथा श्रवण करते रहे। धूप की परवाह किए बिना कई भक्त पांडाल में पैर रखने की जगह नहीं होने पर बाहर ही बैठ गए ओर भक्ति में रम गए। कथास्थल व प्रमुख मार्गो पर पेयजल आदि सुविधाओं का भी प्रबंध किया गया था। हनुमान टेकरी आश्रम परिसर में महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में लगे भण्डारे में भी भीलवाड़ा के आसपास व दूरदराज के क्षेत्रों से आए हजारों श्रद्धालु भक्तगण प्रसाद प्राप्त कर रहे है।