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वसंत पंचमी के शुभ मुहूर्त,बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को कैसे करें प्रसन्न

वसंत पंचमी ज्ञान की देवी सरस्वती को समर्पित त्योहार है। यह त्योहार ज्ञान, ज्ञान, संगीत, कला और शिक्षा का प्रतीक हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वसंत पंचमी माघ महीने के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन आती है। इस बार वसंत पंचमी 14 फरवरी, 2024 को मनाई जाएगी। लेकिन वसंत पंचमी पर पूरे देश में अवकाश नहीं होता है।

ऐसा माना जाता है कि समर्पण और भक्ति के साथ उनकी उपासना करने से सफलता के नए अवसर मिलते हैं और जीवन का अंधकार समाप्त होता है। वहीं जो लोग इस दिन का उपवास रख रहे हैं उन्हें मां की विशेष पूजा करनी चाहिए। साथ ही व्रत नियमों का पालन करना चाहिए।

 उपवास में क्या खाएं और क्या नहीं ?

  • जो लोग बसंत पंचमी का उपवास रख रहे हैं उन्हें देवी सरस्वती की पूजा के बाद ही कुछ खाना चाहिए। वरना व्रत का पुण्य समाप्त हो जाता है।
  • बसंत पंचमी का पूरे दिन उपवास रखने के बाद शाम को पूजा करके पारण किया जा सकता है, लेकिन एक बात ध्यान रहे व्रत का पारण करने से पहले बेर जरूर ग्रहण करें, क्योंकि यह मां का प्रिय फल है।
  • मां सरस्वती को चढ़ाए हुए भोग का वितरण परिवार के सदस्यों में जरूर करें।
  • सरस्वती पूजा के दिन पीले चावल का भोग मां को जरूर लगाएं। साथ ही उसका सेवन करें।

तामसिक चीजों का  सेवन न करें

बसंत पचंमी के दिन तामसिक चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए, जो लोग इसका पालन नहीं करते हैं उनसे मां सरस्वती रुष्ट हो जाती हैं। बसंत पंचमी के मौके पर प्याज और लहसुन का उपयोग करने से बचना चाहिए, क्योंकि इन्हें भी तामसिक चीजों की श्रेणी में रखा गया है। बसंत पचंमी के दिन सिर्फ सात्विक भोजन ही करना चाहिए।

आइये जानते हैं कि वसंत पंचमी/सरस्वती पूजा के लिए किन किन राज्यों में 14 फरवरी को छुट्टी या प्रतिबंधित छुट्टी है।दिल्ली, हरयाणा, उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल ,ओडिश

वसंत पंचमी का पर्व मनान के पीछे एक दिलचस्प इतिहास है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता सरस्वती जिन्हें विद्या, संगीत और कला की देवी कहा जाता है उनका अवतरण इसी दिन हुआ था। यही कारण है कि भक्त इस शुभ दिन पर ज्ञान प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा करते हैं। साथ ही इसे सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है।

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