500 से अधिक हनुमान चालीसा वितरित की गई
आकर्षक वेशभूषाओं में राम,लक्ष्मण और हनुमान देख लोग आश्चर्य चकित हुए।
शाहपुरा@(किशन वैष्णव)ग्राम पंचायत खामोर पंचायत भवन में काशी के प्रसिद्ध धर्म प्रचारक संस्था के कलाकारों द्वारा आयोजित की जा रही भव्य और आकर्षित रामलीला महोत्सव के सातवे दिन भाजपा के पूर्व महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष एवं पंचायत समिति सदस्य ममता तिवाड़ी,गोरी शंकर शर्मा,उप सरपंच भारत रायका,मेवाराम,शिव प्रकाश ने महाआरती कर महोत्सव की शुरुआत की।तत्पश्चात मधुर और सुंदर वाणी के साथ भजनों की प्रस्तुति के साथ रामलीला महोत्सव का मंचन शुरू हुआ।महोत्सव में मंचन करते हुए काशी के कलाकारों द्वारा सुंदर और आकर्षक वेशभूषा के पहनकर भगवान की सुंदर लीला दिखाई।जिसमे बताया की माता सीता हरण के बाद,भगवान श्रीराम और लक्ष्मण वन में सबरी के आश्रम पहुंचते हैं।शबरी ने भगवान राम को जूठे बेर परोसे,लेकिन राम जी ने उन्हें खा लिया पर लक्ष्मण ने कहा कि ये जूठे बेर हैं लेकिन राम जी ने कहा कि ये मीठे बेर हैं राम जी ने कहा कि इनमें माता शबरी के प्रेम और स्नेह की मिठास है।शबरी के असीम भक्ति प्रेम से श्रीराम बहुत प्रसन्न हुए और शबरी को मोक्ष प्रदान किया
रामलीला में,भगवान राम का माता सीता की खोज करना,सबरी के आश्रम से ऋषिमुख पर्वत की ओर जाना तथा हनुमान और भगवान राम की भेट का सुंदर चरित्र वर्णन करना साथ ही मधुर और आकर्षक भाषाशैली से दर्शक आकर्षित हुए।महोत्सव में भगवान श्रीराम एवं सुग्रीव की मित्रता, हनुमान मिलन आदि प्रसंगों का मंचन किया गया।आयोजित श्री रामलीला की सातवीं नाइट में वीरवार को रावण मारीच संवाद, सीता हरण,एवं भीलनी के शानदार दृश्य प्रस्तुत किए गए।
सबरी के जूठे बेर खाकर भगवान राम ने दिया समाज में किसी को तुच्छ न समझने का संदेश।
रावण मारीच संवाद, सीता हरण, एवं भीलनी के शानदार दृश्य प्रस्तुत किए गए।संचालक राघवेंद्र कुमार ने बताया की हमें प्रभु श्री रामचन्द्र जी द्वारा बताए हुए रास्तों पर चलना चाहिए। गुदडमल गुर्जर ने बताया की सीता हरण के दृश्य में रावण अपने मामा को सोने का मृग बनकर जानकी जी को हरण की युक्ति में शामिल करने की कहानी सुनाता है। लेकिन मारीच,रावण को ऐसा न करने की सलाह देता एवं श्री राम जी के पराक्रम और अवतार के बारे में अवगत करवाता है लेकिन रावण मारीच को ही मारने पर अड़ जाता है तो डर कर मारीच रावण के साथ सीता हरण में साथ देने को तैयार हो जाता है और रावण की बजाए रामजी के हाथों से मरकर ही अपना जीवन सफल करूं।इस बाद रावण साधु के रूप में माता सीता के पास जाता है भिक्षा के बहाने हरण कर लेता है। इसके बाद श्रीराम और लक्ष्मण दुखी मन से सीता जी की खोज में वन-वन भटकते हैं । इस दौरान घायल पक्षीराज जटायु श्रीराम जी को बताते हैं कि रावण, सीता को हर कर ले जा रहा था मैंने उन्हें छुड़ाने की बहुत कोशिश की।
सीता हरण के बाद श्रीराम लक्ष्मण वन में सबरी के आश्रम जाते हैं। जहां सबरी भगवान राम आने की आस लगाई रहती थी।भगवान सबरी के भक्ति को देखकर मुग्ध हो जाते हैं और लोगों को बहुत ही प्रभावशाली शब्दों में संदेश देते हैं कि दुनिया में कोई ऊंच-नीच का भेद नहीं होना चाहिए न ही समाज में किसी प्राणी को तुच्छ समझना चाहिए।भव्य रामलीला आयोजन को देखने के लिए सैकड़ो की संख्या में लोग गांव सहित आस पास के गांवो से पहुंच रहे हैं।तथा धार्मिक आयोजन को लेकर संचालक राघवेंद्र कुमार ने बताया की नई पीढ़ी धीरे धीरे धार्मिक इतिहास से दूर भाग रही है उन्हे शास्त्रों सहित धर्म और ग्रंथो का ज्ञान होना जरूरी है वही संचालक राघवेंद्र कुमार ने रामलीला महोत्सव में उपस्थित 500 लोगो को हनुमान चालीसा वितरित की गई।