बेरा । भेरुलाल गुर्जर
बनेड़ा पंचायत समिति के बैरा गांव में एब्सोल्यूट ग्रीन फ्यूल्स एलएलपी बायोडीजल प्लांट से आए दिन ग्रामीण परेशान हैं बार-बार जहरीली गैस एवं कालापानी खेतो में छोड़ने से ग्रामीण इस दुविधा में फंसे हुए हैं । ग्रामीणों द्वारा कई-बार अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद भी कोई एक्शन नहीं लिया गया तो ग्रामीणों ने खुद के स्तर पर कमान संभाली और फैक्ट्री संचालक की निगरानी रखना शुरू कर दिया । टैंकर से गंदा काला जहरीला पानी खेतों में छोड़ रहा है आखिर में जब एक टैंकर काला पानी से भरा हुआ फैक्ट्री से निकलकर बेरा चौराहे के पास खेत में पाइप निकालकर पानी को छोड़ना शुरू किया तो कुछ ही देर बाद ग्रामीणों ने निगरानी के कारण मौके पर आकर टैंकर को जप्त कर लिया और ग्रामीणों को फोन कर मौके पर सबको बुला लिया और टैंकर के पास धरने पर बैठ गए और बायोडीजल फैक्ट्री के खिलाफ नारे लगाए और बंद करने की मांग रखी और फेक्ट्री संचालक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की भी मांग की । ग्रामीणों का कहना है कि इस फैक्ट्री द्वारा रोजाना चार-पांच टैंकर जहरीला कालापानी हमारे खेतों में रात को छोड़ा जा रहा है जिससे हमारी भूमि बंजर हो रही है पीने का पानी भी खराब हो रहा है टैंकर संचालक ने बताया कि टैंकर बायोडीजल फैक्ट्री का है वहां से पानी भरकर बाहर छोड़ने के लिए मुझे बोला था आधा टैंकर खाली होने के बाद यहां ग्रामीण आ गए और पानी को रुकवा दिया और टैंकर को खड़ा कर ने के लिए मुझे बोला तो मैंने यहां खड़ा कर दिया । इस बायोडीजल प्लांट की शिकायत पूर्व में भी नीमखेड़ा सरपंच महावीर बलाई ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंप कर की थी । इस बायोडीजल प्लांट से निकलने वाली जहरीली गैस से आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में दिन रात ग्रामीणों को जीना मुश्किल हो रहा है लेकिन अभी तक प्रशासन ने इसकी ओर ध्यान नहीं दिया जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ग्रामीणों ने बताया कि बायोडीजल के प्लांट से जो गैस निकलती है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं बहुत भयंकर जहरीली गैस जिससे दुर्गंध आती है शाम के समय हम घर के बाहर बैठेत हैं तो काफी परेशानी होती है बायोडीजल प्लांट से निकलने वाली जहरीली गैस से तुरंत रात दिलाने की ग्रामीणों ने मांग की लेकिन अधिकारियों ने कोई एक्शन नहीं लिया । प्लांट के विरोध में आसपास के गांव बेरा जसवंतपुरा बालेसरिया नानपुरा इंदिरा कॉलोनी सभी गांव के लोग धरने में पहुंचे और फैक्ट्री संचालक के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की । जब स्मार्ट हलचल के संवाददाता ने इस संबंध में फैक्ट्री मालिक मनीष मंत्री से बात करना चाहा तो पास ही बैठे अपने रिश्तेदार को फोन पकड़ा दिया । रिश्तेदार ने कहा की फैक्ट्री का गंदा पानी बारिश की वजह से टैंकर में भरकर बाहर डालने के लिए भेजा था लेकिन ड्राइवर की मूर्खता के कारण गांव के पास खाली कर दिया । ग्रामीणों ने बताया की कि रात को 2:00 बजे जब फैक्ट्री मालिक को टैंकर जप्त करने की जानकारी मिली तो फैक्ट्री से दो स्विफ्ट गाड़ी में 10 12 व्यक्ति लाठी सरिया लेकर मौके पर भेजें और ग्रामीणों पर हमला करवाया जिससे ग्रामीणों को मामूली चोट आई हाथापाई में स्विफ्ट गाड़ी के शीशे भी फूट गए ।
ग्रामीणो ने मांडल एसडीएम को ज्ञापन सोपा अधिकारियों ने तुरंत एक्शन लेते हुए मौका मुआयना किया
फैक्ट्री संचालक के खिलाफ कार्यवही करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने मांडल उपखंड अधिकारी को इस संबंध में ज्ञापन दिया वही इस पर तुरंत एक्शन लेते हुए मौके पर तहसीलदार गिरदावर पटवारी को भेज कर जांच करवाई गई और प्रदूषण मंडल बोर्ड की टीम भी बुलाई गई टीम ने पानी का सैंपल लिया ।
पांच घंटे चला धरना समझाइश के बाद हुआ समाप्त
धरने पर बैठे ग्रामीणों से समझाइश करने तहसीलदार रितिन कुमार शर्मा, गिरदावर शिवकुमार सोनी, पटवारी परमेश्वरी जाट मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से चर्चा की । प्रदूषण मंडल की टीम को मौके पर बुलाकर सैंपल लिए गए डीजल प्लांट में भी टीम सैंपल लेने गई वहां से सैंपल लेने के बाद रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी जप्त टैंकर को पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा कर ग्रामीणों ने पुलिस को सोपा । वही धरना प्रदर्शन पांच घंटे बाद समाप्त हुआ ।