18 साल की उम्र से कर रहे हैं रक्तदान ,जन्मदिन पर 35वीं बार रक्तदान कर नंदकिशोर कुमावत ने पेश की इंसानियत की मिसाल
थांवला।लुकमान शाह
स्मार्ट हलचल/कस्बे के पंचनिमड़ी निवासी(28)नंदकिशोर कुमावत ने अपने 35वें रक्तदान के माध्यम से एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। नंदकिशोर, जो एक केमिस्ट के रूप में मेडिकल डिपार्टमेंट से जुड़े हुए हैं, उन्होंने 18 साल की उम्र से रक्तदान करना शुरू किया था। पिछले 9 सालों में उन्होंने निरंतर रक्तदान कर एक हजार से अधिक जिंदगियों को बचाया है। हर तीन महीने में नियमित रूप से रक्तदान करने वाले नंदकिशोर ने इस बार अपने जन्मदिन के अवसर पर मरीजों की मदद के लिए रक्तदान किया। उनका यह जुनून और सेवा भाव समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।
नंदकिशोर ने बताया कि उनके इस पुनीत कार्य में परिवार और दोस्तों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। अब तक वह 35 बार रक्तदान कर चुके हैं और दो बार प्लेटलेट्स भी डोनेट कर चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने अजमेर के विभिन्न अस्पतालों में जरूरतमंद मरीजों के लिए रक्त की व्यवस्था कर उनकी जान बचाई है।
हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस के उपलक्ष्य में नंदकिशोर के नेतृत्व में थांवला में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है, जिसमें युवा रक्त संगठन की सक्रिय भूमिका होती है। अजमेर के पंडित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय और राजकीय महिला चिकित्सालय की टीमों के सहयोग से अब तक चार विशाल रक्तदान शिविर आयोजित किए जा चुके हैं।
नंदकिशोर के इस अद्वितीय कार्य के लिए उन्हें कई संस्थाओं द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है। उन्होंने अपने निजी खर्चे से कई बार अजमेर और जयपुर के अस्पतालों में जाकर रक्तदान किया है। विश्व रक्तदाता दिवस पर भी उन्हें अजमेर के पंडित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में सम्मानित किया जा चुका है। नंदकिशोर कुमावत की यह सेवा न केवल उनकी इंसानियत को दर्शाती है बल्कि समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में प्रेरणा भी देती है।
18 साल की उम्र से कर रहे हैं रक्तदान,
नंदकिशोर कुमावत ने 18 साल की उम्र में पहली बार किसी मरीज को रक्तदान कर उसकी जान बचाई जिस मरीज को इन्होंने रक्तदान दिया उसके परिवार वाले भी रक्तदान देने से मना कर दिए तब से अब तक 35 यूनिट रक्तदान दे चुके हैं। हर साल शहीद दिवस पर 100 यूनिट इकट्ठा करके देते हैं।