बॉयकॉट मालदीव ट्रेंड:मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइ्ज्जू और उनके सत्तारूढ़ दल प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव ने भारत की दोस्ती को हाशिए पर रखते हुए, चीन से जो याराना गहरा किया है, वो उसके लिए बड़ा प्राणघाती कदम बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि मोहम्मद मोइज्जू ने मालदीव (Maldives) को दूसरा श्रीलंका बनाने की तैयारी कर ली है। जिस तरह से चीन (China) ने श्रीलंका को आर्थित तौर से तबाह कर बीच मंझधार छोड़ दिया उसी तरह का हश्र अब मालदीव का भी हो सकता है। इसकी शुरुआत भी हो चुकी है, क्योंकि एक ओर उसने जहां भारत से बैर कर अपने राजस्व में भारतीय पर्यटकों की ओर से होने वाली बड़ी आय का रास्ता खराब कर लिया है, तो वहीं दूसरी ओर वो मोटे कर्ज़ के बोझ तले दबता चला जा रहा है। उसके मोटे कर्ज़ के कुल बोझ में से लगभग 20 फीसदी के आसपास का कर्ज़ अकेले चीन की ओर से ही उसे मिला है। मालदीव के इस हाल पर विश्व बैंक भी चिंता ज़ाहिर कर चुका है।
हालात संभालने के लिए मालदीव ने अपने यहां घूमने का खर्चा भी आधा कर दिया, लेकिन इसके बाद भी भारतीय वहां जाने के लिए तैयार नहीं हैं. मालदीव सरकार के कुछ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री की लक्षद्वीप ट्रिप को लेकर आप्पतिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद से बॉयकॉट मालदीव ट्रेंड करने लगा है. मालदीव को भारत के बॉयकॉट से हर दिन करोड़ों का नुकसान हो रहा है.