प्रशासन निराश लोटा
8गांव पहले थे 2 गांव और हुए सामिल कुल 10 गांव का समर्थन
बंदाखुर्द में पहुंचा प्रशासन,
-इधर नाहरगढ़ में लोगों ने बैठक कर किया बहिष्कार
-नहरी पानी किसान संघर्ष समिति का आह्वान
-लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का लिया निर्णय
आदित्य सोनी
नाहरगढ़ 20 अप्रैल। स्मार्ट हलचल/लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर रहे लोगों को समझाने के लिए सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता हेमंत शर्मा, उपखंड अधिकारी मनमोहन शर्मा, खंड विकास अधिकारी दिवाकर मीणा सहित प्रशासन के आला अधिकारी बंदा खुर्द गांव पहुंचे तथा लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय वापस लेने का आह्वान किया। इस पर लोगों ने अपनी तरफ से मांग रखी कि जब तक सिंचाई विभाग का मंत्री या विभाग का सचिव मौके पर आकर लोगों को नहरी पानी की समस्या दूर करने का आश्वासन नहीं देता तब तक लोकसभा चुनाव के बहिष्कार के निर्णय वापस नहीं होगा। इस पर सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता शर्मा ने बताया कि इस क्षेत्र के किसानों की मांग वाजिब है। इस मांग को लेकर सिंचाई विभाग के अतिरिक्त सचिव को चिट्ठी लिखी गई है लेकिन लोग नहीं माने। प्रशासन और ग्रामीणों के मध्य एक घंटे चली बैठक असफल होने के बाद प्रशासन निराश लौट गया। इधर प्रशासन समझाता रहा उधर नाहरगढ़ में सैकड़ो किसान ग्रीन पार्क में इकट्ठा होकर नहरी पानी किसान संघर्ष समिति के बैनर तले बैठक का आयोजन किया। इसमें सभी किसानों ने एक सुर में नहरी पानी की मांग का मुद्दा उठाया तथा घर-घर जाकर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का के बारे में लोगों को जागरूक करने का निर्णय लिया। मौके पर उपस्थित वक्ताओं में से सुरेंद्र वैष्णव, सुरेश गोस्वामी, बिलोदा के पूर्व सरपंच नेमीचंद नागर, व्यापारी चंद्रेश मंगल ने कहा कि बारां जिले के कई क्षेत्र में सिंचाई की तीन-तीन परियोजना लागू की जा चुकी है। रामगढ़ रेलावन में भी ईआरसीपी योजना का पानी के लिए सर्वे हो रहा है लेकिन नाहरगढ़ क्षेत्र में बड़ी सिंचाई परियोजना लागू करने के लिए सरकार ने कोई योजना नहीं बनाई जिससे किसानों में रोष है। गौरतलब है कि नाहरगढ़ उप तहसील मुख्यालय सहित बंदा खुर्द, बादीपुरा, पचलावदा छतरगंज और सिमलोद, नेहरूपुरा ग्राम पंचायत के दर्जनों किसान सिंचाई की समस्या को दूर करने के लिए नहरी पानी की मांग को लेकर पिछले एक सप्ताह से लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया जा रहा है इसके लिए गांव-गांव बैठक का आयोजन किया जा रहा है अभी तक 10 गांव के लोगों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया गया है जिससे प्रशासन के हाथ पांव फूल रहे हैं।