बूंदी- स्मार्ट हलचल|दिवाली की जगमगाहट के बाद जब शहर अपनी रौनक में लौट रहा था, तभी रामेष्ट युवा मंडल संस्थान, बालचंदपाड़ा के युवाओं ने अपने श्रमदान से एक नई रोशनी जलाई – स्वच्छता और संस्कार की रोशनी।ऐतिहासिक नागर-सागर कुण्ड पर आज युवा एक बार फिर जुटे -हाथों में झाडू नहीं, संकल्प लिए हुए। तीन घंटे से भी अधिक समय तक चले इस श्रमदान अभियान में युवाओं ने कुण्ड के जल में जमा कूड़ा-करकट, पॉलिथीन, खरपतवार, काई, पूजा अपशिष्ट, मालाएं, भगवान की तस्वीरें और गंदगी को बाहर निकाल कर इस प्राचीन धरोहर को पुनः जीवन्त रूप दिया। साथ ही कुंड की सीढ़ियों पर जमा कचरे को साफ कर उचित निस्तारण किया गया। अभियान में अध्यक्ष शिखर पंचोली व सचिव रोहन गुर्जर के नेतृत्व में भूपेन्द्र योगी, सोनू कुमार सैनी, विवेक गुर्जर, शक्ति तोषनीवाल, देवेश, मयंक, निशांत मेघवाल, गोविंद प्रजापत, राजवीर, शैलेंद्र सिंह, तुषार सैनी, नैतिक शर्मा, नारायण मंडोवरा सहित कई युवाओं ने भाग लिया।
पर्यटक गाइड़ अश्विनी शर्मा कुक्की ने बताया कि देश-विदेश से आए पर्यटकों ने भी न केवल सहयोग किया, बल्कि युवाओं का उत्साहवर्धन कर स्वच्छ बूंदी, सुंदर बूंदी के इस अभियान को और प्रेरणादायी बना दिया। अध्यक्ष शिखर पंचोली व युवाओं ने कहा कि स्वच्छता सिर्फ सफाई नहीं, यह एक सोच है, जो समाज को सभ्यता और आत्मगौरव से जोड़ती है। दिवाली के बाद इस सफाई अभियान ने यह सन्देश दिया कि जब दीपक घर-आँगन में जलते हैं, तब हम अपनी धरोहरों में भी उजाला भरकर इन्हें स्वच्छ बनाने में योगदान दें।
मंडल से जुड़े भूपेन्द्र योगी ने बताया कि हमारी ऐतिहासिक धरोहरें हमारी पहचान हैं। इन्हें स्वच्छ रखना सिर्फ सेवा नहीं, हमारी संस्कृति का सम्मान है। यह बूंदी के पर्यटन को अधिक समृद्ध बनाएगा। रामेष्ट युवा मंडल के युवाओं ने शहरवासियों और दुकानदारों से पुनः अपील की है कि वे कुण्ड में कचरा न डालें और बूंदी की ऐतिहासिक धरोहरों को उसी गरिमा के साथ संरक्षित रखें, जैसी यह हमारे गौरवशाली अतीत की प्रतीक हैं।


