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चूरू कृषि व झींगा उत्पादन में बने सिरमौर, कृषक व अधिकारी —वैज्ञानिक मिलकर करें प्रयास

जिले के राजगढ़ उपखंड मुख्यालय पर मित्तल कम्यूनिटी सेंटर (मित्तल फाउंडेशन ऑडिटोरियम) में आईसीएआर — सीबा, चेन्नई व एनएफडीबी, हैदराबाद द्वारा आयोजित हुआ झींगा किसान सम्मेलन का छठा संस्करण

सांसद राहुल कस्वां, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) महानिदेशक तथा कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग सचिव डॉ मांगी लाल जाट सहित अधिकारी, जनप्रतिनिधि व झींगा पालक किसानों ने की शिरकत

(बजरंग आचार्य)

सादुलपुर। स्मार्ट हलचल|आईसीएआर — सीबा, चेन्नई व एनएफडीबी, हैदराबाद द्वारा शनिवार को चूरू जिले के राजगढ़ उपखंड मुख्यालय पर मित्तल कम्यूनिटी सेंटर (मित्तल फाउंडेशन ऑडिटोरियम) में झींगा किसान सम्मेलन का छठा संस्करण आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सांसद राहुल कस्वां, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) महानिदेशक तथा कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग सचिव डॉ एमएल जाट, सीआईएफई मुंबई निदेशक डॉ एनपी साहू, एनएफडीबी मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ बीके बेहरा, आईसीएआर उप महानिदेशक (मत्स्य) डॉ जेके जेना, आईसीएआर उप महानिदेशक (विस्तार) डॉ राजबीर सिंह, ओमप्रकाश खीचड़, जगदीश बैरासरिया सहित अतिथियों ने शिरकत की। अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए सांसद राहुल कस्वां ने कहा कि चूरू जिला कृषि व झींगा उत्पादन में सिरमौर बने और कृषक व अधिकारी —वैज्ञानिक सहित हम सभी मिलकर इसके लिए प्रयास करें। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की योजनाओं व पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन आदि के बारे में किसानों को सम्पूर्ण जानकारी दें तथा हम उनकी हैंडहोल्डिंग करें ताकि झींगा उत्पादन को बढ़ावा मिल सके। किसानों को सब्सिडी व योजनाओं का लाभ समुचित ढंग से मिले। इसी के साथ झींगा पालन को गति देने के लिए स्थानीय स्तर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाने पर काम करना आवश्यकता है। उन्होंने आईसीएआर, सीबा के क्षेत्रीय केन्द्र खोले जाने, चांदगोठी केविके में मत्स्य स्पेशलिस्ट का पद सृजित कर नियुक्ति करने, मरीन उप्तादों के निर्यात विकास केन्द्र आदि स्थापित किए जाने की ओर ध्यान आकर्षित किया।
उन्होंने झींगा पालन में चुनौतियों व समस्याओं की चर्चा करते हुए इन समस्याओं के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि झींगा पालन से क्षेत्र में नई रोजगार संभावनाएं पैदा होंगी और किसान आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगे।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) महानिदेशक तथा कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग सचिव डॉ मांगीलाल जाट ने कहा कि चूरू में नीली क्रांति से किसानों के घरों में समृद्धि आ रही है। चूरू जिला मरूभूमि में नीली क्रांति का हब बनने जा रहा है। हम सभी मिलकर प्रयास करेंगे तो चूरू को विश्व के समक्ष उदाहरण के रूप में प्रस्तुत कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि चूरू जिले को झींगा पालन में कलस्टर बनाया गया है। इसलिए यहां इन्फ्रा डवलप होने से झींगा पालन में बेहतरीन संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ग्रामीण कृषि और मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान सरकार की योजनाओं का लाभ लें और वैज्ञानिक तरीकों से उत्पादन बढ़ाएं। उन्होंने किसानों को उद्यानिकी, वैज्ञानिक तरीके से कृषि व झींगा पालन में तकनीकी उपयोग करने की बात कही।

इस दौरान सीआईएफई मुंबई निदेशक डॉ एनपी साहू, एनएफडीबी मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ बीके बेहरा, आईसीएआर उप महानिदेशक (मत्स्य) डॉ जेके जेना, आईसीएआर उप महानिदेशक (विस्तार) डॉ राजबीर सिंह, एसडीएम मनोज खेमादा, ओमप्रकाश खीचड़, जगदीश बैरासरिया ने भी विचार व्यक्त किए।
सम्मेलन में किसानों ने भी अपने अनुभव बताए तथा संशय जाहिर किए, जिस पर उपस्थित वैज्ञानिकों व अधिकारियों ने उनका समाधान किया। कार्यक्रम के दौरान किसानों को झींगा पालन की नई तकनीकों, उत्पादन बढ़ाने के उपायों, बाजार संभावनाओं और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई।

कार्यक्रम से पूर्व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) महानिदेशक तथा कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग सचिव डॉ मांगीलाल जाट सहित वैज्ञानिकों ने लाखलाण ​में झींगा पालक भावना पूनिया व प्रमिला पूनिया के फार्म का भी निरीक्षण किया।
डॉ. जाट ने वहां की जल प्रबंधन प्रणाली की समीक्षा की और कहा कि झींगा पालन के लिए जल गुणवत्ता का सही रख—रखाव अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और सुविधाएं प्राथमिकता से उपलब्ध कराई जाएं।
इस दौरान राजगढ़ प्रधान विनोद पूनिया, मत्स्य सहायक निदेशक मोहम्मद इरशाद खान, सहायक मत्स्य विकास अधिकारी लवदीप शर्मा, शांतनु डाबी सहित झींगा पालक किसान उपस्थित रहे।

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स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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