दिनेश लेखी
कठूमर ।स्मार्ट हलचल/दलित अधिकार केन्द्र एवं दलित आर्थिक अधिकार आन्दोलन के संयुक्त तत्वाधान में ग्राम ईंटका, पंचायत समिति गोविन्दगढ़ में सामाजिक आर्थिक उत्थान के विकास की योजनाओं पर सामुदायिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
केन्द्र के जिला समन्वयक शैलेष गौतम ने केन्द्र का परिचय देते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 46 में दलित एवं कमजोर वर्गों के शैक्षणिक व आर्थिक हितों को बढ़ावा देते हुए उन्हें सामाजिक न्याय एवं शोषण से मुक्ति दिलाने का राज्य का कर्तव्य व दायित्व का प्रावधान है, अनुसूचित जाति उपयोजना एवं अनुसूचित जनजाति उपयोजना को राज्य में प्रारंभ हुए करीब 41 वर्ष व्यतीत होने हो जाने के बावजूद भी दलित एवं महिलाओं का विकास नहीं हो पाया है क्योंकि इनके जनसंख्या के अनुपात में ना तो बजट का आवंटन होता है और ना ही उसका धरातल पर बपूर्ण उपयोग हो पता है। आगे बताया कि दलित अधिकार केंद्र के प्रयासों से राजस्थान में राजस्थान राज्य अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति विकास निधि (योजना, आवंटन और वित्तीय संसाधनों का उपयोग) विधेयक, 2022 पारित हुआ है जिसमें हमें जागरुक होकर सामूहिक रूप से कार्य करने की आवश्यकता है।
एडवोकेट गिर्राज सिंह गौतम ने बताया कि अत्याचारों के खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989, पोस्को एक्ट, जेजे एक्ट व हाल ही में भारतीय न्याय संहिता 2023 जैसे सख्त कानून बने हुए हैं जिनकी जानकारी व अपने हक अधिकारों की जानकारी के अभाव में पीड़ितों को न्याय प्राप्त नहीं हो पता है जिसके लिए हमें जागरुक होने की अत्यन्त आवश्यकता है।
दिनेश कुमार पूर्व सरपंच फाहरी ने सरकार द्वारा संचालित पेंशन, पालनहार, सहयोग, विधवा पुनर्विवाह, अंतरजातीय विवाह, डॉ अंबेडकर दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना, नरेगा, निर्माण श्रमिक छात्रवृत्ति, सुलभ्य आवास एवं क्लेम सहित विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान की।
इस मौके पर हरपाल, जगदीश, गोपाल, कमला इत्यादि ने भी अपने-अपने विचार रखें।