बानसूर।स्मार्ट हलचल/युवा जागृति संस्थान की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा से दिपावली पर स्वादिष्ट और सेहत के लिए लाभदायक श्री अन्न से बने उत्पादों को बनाया जा रहा है। बाजरा, जो प्राचीन काल से भारतीय आहार का हिस्सा रहा है, अब बदलते समय और स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण फिर से चर्चा में है। खासतौर से बाजरे से बने लड्डू और नमकीन जैसे उत्पाद अब शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोकप्रिय हो रहे हैं। युवा जागृति स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने इस बार दीपावली के मौके पर मोटे अनाज से बने बिस्किट, नमकीन और लड्डू जैसे उत्पादों को आधुनिक और पौष्टिक स्वरूप में पेश किया है। इस बार दीपावली के अवसर पर लोग इन्हें गिफ्ट के रूप में अपने दोस्तों और सगे संबंधियों तक पहुंचा रहे हैं। अब तक महिलाओं की ओर से 545 किलो लड्डू देश के अलग-अलग राज्यों में भेजे जा चुके हैं।बाजरे के इन उत्पादों की विशेषता यह है कि ये न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि आयुर्वेदिक गुणों से भी भरपूर होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, बाजरा वात, पित्त और कफ दोषों को संतुलित करने में मदद करता है। यह फाइबर, प्रोटीन, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है। ठंड के मौसम में इनका सेवन शरीर को ऊर्जावान और गर्म बनाए रखने में भी मदद करता है बाजरे के लड्डू और नमकीन को खासकर मधुमेह और हृदय रोगियों के लिए लाभकारी माना जाता है, क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और हृदय को स्वस्थ रखता है। साथ ही, यह ग्लूटेन फ्री है, जिससे ग्लूटेन संवेदनशील लोग भी इसे बिना किसी चिंता के खा सकते हैं। इन पारंपरिक व्यंजनों का आधुनिक रूप में दोबारा प्रचलन से यह साबित होता है कि भारत की पुरानी रसोई की परंपराएं आज भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के बीच जीवित हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी के लिए बाजरे के लड्डू और नमकीन स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट विकल्प के रूप में उभरे हैं। इस नवाचार ने किसानों और ग्रामीण महिलाओं के लिए भी नए आयाम खोले हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।