प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित भारत 2047 मिशन में पुष्कर तीर्थ
*विकसित राजस्थान 2047 विजन डॉक्यूमेंट को लेकर देवस्थान विभाग द्वारा कार्यशाला हुई आयोजित
(हरिप्रसाद शर्मा)
अजमेर/स्मार्ट हलचल।देवस्थान विभाग राजस्थान सरकार ने शुक्रवार को मुख्यालय उदयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मिशन विकसित भारत 2047 जब देश की आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होने जा रहे है ।इस अमृत काल में हमारे राजस्थान के मुखिया भजन लाल जी द्वारा भी आगामी 23 वर्षों के लिए सरकार के विभिन्न विभागों के माध्यम से विकसित राजस्थान 2047 का विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 20 जून को इसी विषय पर देवस्थान विभाग ने राजस्थान के प्रमुख देव स्थलों के सार्वजनिक ट्रस्ट प्रतिनिधियों ,संत महंतों को आमंत्रित कर एक वृहद कार्यशाला का आयोजन रखा जाकर उनसे सुझाव मांगे गए। इस विशेष अवसर पर आदि अनादि पुष्कर तीर्थ का पक्ष रखने का सुझाव सामाजिक कार्यकर्ता अरूण पाराशर ने रखा है ।इस कार्यशाला में मुख्य अथिति के रूप में उपस्थित मन्ना लाल सांसद उदयपुर तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे देवस्थान आयुक्त श्री वासुदेव मालावत जी के समक्ष पाराशर ने अपने उद्बोधन में 2047 के विजन डॉक्यूमेंट के लिए पुष्कर तीर्थ विकास के उन सभी महत्वपूर्ण विषयों को पुरजोर से उठाने का प्रयास किया ।जिनसे पुष्कर तीर्थ की प्रतिष्ठा और गौरव को सम्मान और ख्याति प्राप्त हो। साथ ही पुष्कर तीर्थ विकास की संभावनाओं से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं का लिखित मांग पत्र भी प्रस्तुत किया । जिसमें विकसित राजस्थान 2047 विजन डॉक्यूमेंट में शामिल किए जाने का आग्रह भी किया गया है।
ज्ञातव्य है कि यह सब पुष्कर तीर्थ के इसलिए संभव हो सका कि गत 6 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी जी के पुष्कर आगमन हुआ ।पाराशर ने खुशी जताते हुए हमने पुष्कर तीर्थ के सर्वांगीण विकास एवम टेंपल टाउन घोषित करने का वृहद विजन मांग पत्र प्रेषित किया था ,जिस पर आवश्यक कार्यवाही के लिए प्रधान मंत्री कार्यालय से मुख्य शासन सचिव, राजस्थान सरकार को निर्देशित कर पाराशर को भी पत्र द्वारा सूचित किया गया । मुख्य सचिव राजस्थान सरकार ने पुष्कर विकास योजना की क्रियान्विति के लिए देवस्थान विभाग को पत्र लिखकर अवगत कराया है ।
देवस्थान विभाग ने अपने स्तर पर कार्य मूर्त रूप देने के उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए आज विकसित राजस्थान 2047 मिशन कार्यशाला में आयोजित की गई ।जिसमें पुष्कर तीर्थ विकास के लिए सुझाव माँगे गए । पाराशर ने अपने सुझाव में सनातन हिंदू धर्म के मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जावे ।जिनमें एक मात्र श्री ब्रह्मा मंदिर भी शामिल है । जिसको सरकारी नियंत्रण से मुक्ति मिले के अलावा
ब्रह्मा मंदिर महंत की गद्दी गत आठ वर्षो से खाली पड़ी है । जिसको मंदिर परंपरा के अनुसार महंत के विधि सम्मत उत्तराधिकारी की देवस्थान विभाग नियुक्ति करे। अन्य मुद्दों में
सरकारी ,स्वतंत्र प्रभार , सुपुर्दगी नामे एवं सार्वजनिक प्रन्यास के रूप में रजिस्टर्ड मंदिरों की जमीनों पर हो रखे अतिक्रमणों को हटाने की कार्यवाही करने की भी माँग की। साथ ही स्वतंत्र प्रभार, सुपुर्दगी नामे वाले मंदिरो की सेवा पूजा में कार्यरत पुजारियों का मासिक मानदेय बढ़ाया जावे ।