भीलवाड़ा स्मार्ट हलचल|श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा संस्था के तत्वावधान में विकास महोत्सव का आयोजन तेरापंथ नगर में किया गया। साध्वी उर्मिला कुमारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ की स्थापना आचार्य भिक्षु ने अठारवीं शताब्दी में की थी। उन्होंने संघ को अनुशासन, एकता और साधना की नींव पर स्थापित किया। आगे चलकर आचार्यों की परम्परा में यह संघ लगातार प्रगति करता रहा। इसी प्रगति को संगठित और योजनाबद्ध रूप देने के लिए आचार्य तुलसी ने “तेरापंथ विकास महोत्सव” की परम्परा शुरू की। उनका विचार था कि संघ केवल साधु-साध्वियों तक सीमित न रहकर, श्रावक- श्राविकाओं और पूरे समाज के लिए भी मार्गदर्शन करे। इस महोत्सव में धर्मसंघ के कार्यों की समीक्षा, नई योजनाओं का निर्धारण और समाजोत्थान पर विशेष बल दिया जाने लगा। साध्वी मृदुल यशा ने कहा संघ के विकास को लेकर आचार्य तुलसी ने नये नये आयाम शुरू किये, उन्होंने नया मोड़ देकर सामाजिक कुरुतियों पर प्रहार कीया, व उन्हें मिटा महिलाओ को स्वावलंबी बनाया। मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र कोठारी ने बताया कि इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ सभा एवं महिला की बहनों के मंगलाचरण गीत के संगान से हुआ। सभाध्यक्ष जसराज चोरड़िया ने सभी का स्वागत करते हुए महाप्रज्ञ स्कूल एवं तेरापंथ भवन में सहयोगी सभी भामाशाहों एवं कार्यकर्ताओं का सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन मंत्री योगेश चंडालिया ने किया। महासभा उपाध्यक्ष निर्मल गोखरू, नवरतन मल बंब एवं बाबू लाल सिंघवी ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रावक समाज उपस्थित था।