Homeसोचने वाली बात/ब्लॉग"वाह रे महोदय,लूट को भी लच्छेदार बनाया"

“वाह रे महोदय,लूट को भी लच्छेदार बनाया”

स्मार्ट हलचल/लूट के बूट से मासूम सदस्यों को सूट करने वाले,किस मुंह से दुनिया को भ्रमित करने के प्रयास कर रहे हैं?इतनी बेशर्मी किस डबरे से लाते हैं चटूहों के चेयरमैन? पप्पियों के पापा (पाप के बाप) सिर्फ अपने आंगन में सज लें,बाहर सभी मजे ले रहे हैं?अब उस मजे में भी,मजे लिजिए पापी?बाप मरे अंधेरे में,बेटों का नाम पावरहाउस?घर में भूंजी भांग नही,द्वारे धूमगजर।दूसरे के दौलत से पितृपक्ष का भोज कराते हैं वो भोजन सामग्री आपके पिताजी को दहेज में मिला था कि आपके ससुराल से आया था?अपने नश्ले हरामियों को बता दिजिए कि जैसे आप लूटके आनंद ले रहे हैं वैसे वो भी लें!जितने कर्मचारियों को आपने ज़लालत बख्शी है उसकी तो हाय लगेगी?मरी खाल से लोहा भस्म हो सकता है तो आपकी क्या,आपके पिल्लों, स्मार्ट हलचल/आपके समधियों,आपके बहनोइयों या आपके नश्ले हरामी रिश्तेदारों की क्या औकात?एक बात समझ में नही आती कि जिसका चाट के चमड़ी चिकनी की,जिसे चटाके पिल्लों को पाला, उनमें कौन सी खामी थी कि सदस्य नही बनाए? क्या आपके समधियों,बहनोइयों,सालों,मामों,फुफी व फुफा,नाना नानियों के वंशज,ही थे सदस्य के काबिल।जिसका चाटे उन्हें आपकी औकात नही कि एक दाना दे दें लेकिन अपने भिखमंगे,बेगैरत रिश्तेदारों को बनाए हैं उन्हें किसी को घर बनाके देना पड़ा,किसी को दाना पानी देना,किसी नश्ले हरामी समधी के दामाद को चालिस लाख देने पड़े ताकि उसको रोटी नसीब हो सके,किसी को बहनोई को कुछ कागज के टुकड़े हूरने पड़े,किसी को ईएमआई देनी पड़ी…इतना सब ठूंसने के बाद जो कुत्तों जैसा आपके सामने दुम नही हिलाएगा तो क्या उसकी भोंकने की औकात होगी? स्मार्ट हलचल/और ये सब ठूंसने व ठूंसवाने के लिए आपको आपके भूत-भूतनी माई बाप वसीयत छोड़ गए हैं क्या?आपकी औकात में कभी जमीं आसमां भी था क्या,जो पाताल की भी बात करने लगे? आपका कब्जाया विद्यालय कोई मदिरालय है,कि कोई मालआलय है या कोई वेश्यालय है जिसकी कमाई सिर्फ आपके भड़वे दलाल या आपके पप्पी ही खाएंगे या भोगेंगे? ये सब मारिच वाली माया है जो सोने के हिरण रुप में है लेकिन कहां बचा वो अधर्मी,धर्म के प्रहार/तीर से?ध्यान है कि नही सरयां के पत्रकार साहब ने आपके परिवार की इनसाइक्लोपीडिया बताया था तो कितना भड़के थे?अब पूरा पब्लिक आपकी इनसाइक्लोपीडिया में रुचि ले रही है,भड़कते रहिए,आपको आपकी औकात अब पब्लिक ही प्रचार करेगी?आपका पोषण किसी के शोषण से समृद्ध हुआ है।आपने अपना चारा बनाया,यहां तक तो ठीक भी है लेकिन लोगों को बेचारा बनाके बनाया,ये तो बिल्कुल मानव विरोधी है। फिर मिलेंगे यदि आपने हत्या नही कराई?

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
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