बानसूर।स्मार्ट हलचल/युवा जागृति संस्थान के उत्कर्ष स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने दिल्ली के अशोक होटल में आयोजित एक प्रमुख माइक्रोफाइनेंस सत्र कार्यक्रम में अपनी पहचान बिखेरी। इस आयोजन में श्री अन्न से बने उनके अनूठे और स्वदेशी उत्पादों की प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र रही, जिसने सभी गणमान्य व्यक्तियों का ध्यान अपनी ओर खींचा। महिलाओं की इस मेहनत और उनके उत्पादों की गुणवत्ता को सत्र के कई प्रमुख वक्ताओं ने सराहा समूह की महिलाओं के साथ युवा जागृति संस्थान के सीईओ गोकुल सैनी एवं नाबार्ड (अलवर) के डीडीएम प्रदीप चौधरी मौजूद रहे। कार्यक्रम के अतिथि ईएसएएफ स्मॉल फाइनेंस बैंक के एमडी और सीईओ के पॉल थॉमस ने उत्कर्ष समूह की महिलाओं के इन उत्पादों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह न केवल महिलाओं के अद्वितीय उद्यमिता कौशल को दर्शाता है, बल्कि यह स्थानीय संसाधनों के कुशल उपयोग का भी बेहतरीन उदाहरण है। नाबार्ड के अध्यक्ष के वी शाजी ने इस पहल को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयास ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण की ओर ले जाते हैं और उनके उत्पादों की मार्केटिंग को नई ऊंचाइयां प्रदान करते हैं। सिडबी के सीएमडी, मनोज मित्तल ने श्री अन्न उत्पादों की व्यापक संभावनाओं पर बात करते हुए इसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान बताया। आरबीआई के ईडी,जयंत कुमार दाश, और वित्त मंत्रालय के सचिव एम नागराजू ने भी इन उत्पादों को सतत विकास लक्ष्यो और हरित वित्त के अनुरूप एक प्रेरणादायक मॉडल करार दिया। माइक्रोफाइनेंस सत्र में जहां वित्तीय समावेशन और ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर चर्चा हुई, वहीं उत्कर्ष स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के उत्पादों ने यह सिद्ध किया कि उनके द्वारा किए जा रहे कार्य न केवल उनके जीवन में बदलाव ला रहे हैं, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इस प्रकार के मंच ने न केवल इन महिलाओं को सम्मान दिलाया, बल्कि उनके उत्पादों को भी एक नई पहचान और बाजार में विस्तृत संभावनाएं प्रदान की हैं।