दिलखुश मोटीस
सावर(अजमेर)@स्मार्ट हलचल|किसानों की लंबे इंतजार के बाद आखिरकार गुरुवार रात सावर उपखंड को 1600 बैग यूरिया खाद का पहला स्टॉक मिला। दिसंबर माह में 11 दिन तक आपूर्ति ठप रहने के कारण किसान परेशान रहे थे। पहली खेप पहुंचने के साथ ही उम्मीद जगी, लेकिन भारी भीड़ को देखते हुए यह स्टॉक भी नाकाफी साबित हो रहा है।
सुबह से उमड़ा किसानों का सैलाब, हाईवे पर धीमी हुई आवाजाही
खाद वितरण की सूचना मिलते ही आसपास के गांवों—गोरधा,गोपालपुरा,बिसुंदनी,नापाखेडा,निमेडा,पाडलिया सहित कई क्षेत्रों के किसान अपनी बाइक, ट्रैक्टर और अन्य साधनों से सावर पहुंच गए।
शुक्रवार दोपहर तक देवली रोड पर किसानों की लंबी कतारें लग गईं। भीड़ इतनी अधिक थी कि अजमेर–कोटा हाईवे पर भी ट्रैफिक प्रभावित हुआ। सड़क किनारे खड़े वाहनों और भीड़ के कारण दोपहर बाद वाहनों की आवाजाही धीमी पड़ गई।
खाद के साथ बिजली की मार, 6 घंटे की सप्लाई में नहीं हो पा रही सिंचाई
सावर उपखंड के किसानों को इन दिनों यूरिया की कमी के साथ-साथ बिजली संकट का भी सामना करना पड़ रहा है। कृषि कनेक्शन पर केवल छह घंटे ही बिजली मिल रही है।
किसानों का कहना है कि सुबह से लाइन में लगने, खाद लेने और खेतों तक पहुंचाने में ही बिजली के ‘ब्लॉक टाइम’ का बड़ा हिस्सा निकल जाता है, जिससे समय पर सिंचाई नहीं हो पाती। इससे चने, गेहूं, सरसों और अन्य रबी फसलों पर असर पड़ने की आशंका बढ़ गई है।
किसानों का आरोप: 270 की जगह 330 रुपए वसूले, कोई अन्य उत्पाद भी नहीं दिया
किसानों बताया कि एक आधार कार्ड पर दो बैग यूरिया दिया जा रहा है, जो पर्याप्त नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रति बैग ₹330 वसूले जा रहे हैं, जबकि निर्धारित मूल्य ₹270 है, और इसके साथ कोई अन्य कृषि उत्पाद भी नहीं दिया जा रहा। किसानों ने इसे सरासर मनमानी और अवैध वसूली बताया।
कृषि अधिकारी की चेतावनी: अधिक दाम वसूले तो रद्द होगा लाइसेंस
इस संबंध में सहायक कृषि अधिकारी बी.एल. मीणा ने पुष्टि की कि दिसंबर महीने में यह यूरिया की पहली खेप है।
उन्होंने कहा कि यूरिया खाद का सरकारी मूल्य ₹270 प्रति बैग तय है। यदि किसी केंद्र पर ज्यादा राशि वसूलने या कालाबाजारी की जानकारी मिलती है, तो संबंधित डीलर का लाइसेंस तत्काल रद्द कर दिया जाएगा।


