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जिंदल के विरोध में जालिया गांव के किसानों का धरना 84वें दिन भी जारी

जिंदल की ब्लास्टिंग से आ रही पुर में मकानों के साथ ही मंदिरों में भी दरारें, प्रशासन नही दे रहा ध्यान

जालिया के ग्रामीणों बोले, जिन्दल के साथ मिलकर हमारा विधायक भी हम किसानों का कर रहा शोषण

(पंकज पोरवाल)

भीलवाड़ा। स्मार्ट हलचल/जिंदल सॉ लिमिटेड द्वारा बनेड़ा क्षेत्र स्थित महुआखुर्द ग्राम पंचायत के पास लापिया पॉइंट पर की जा रही ब्लास्टिंग को बंद कराने के लिए जालिया गांव के ग्रामीणों द्वारा 84वें दिन भी जारी रहा। धरने पर बैठे ग्रामीणों ने कहा कि जिन्दल के साथ मिलकर हमारा विधायक भी हम किसानों का शोषण कर रहा हैं। वही दुसरी और जिंदल की ओर से ब्लास्टिंग के कारण से पुर में मकानों के साथ ही मंदिरों में भी दरारें आ रही हैं। इसमें पुर वासियों का आस्था का केंद्र लक्ष्मीनारायण बड़े मंदिर में कई वर्षों से दरारें आ रही है, लेकिन यूआईटी प्रशासन इस तरह ध्यान नहीं दे रहा है। मंदिर जीर्णाेद्धार को लेकर कई बार ज्ञापन दिए इसके बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है। मंदिर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो रहा है। इसे यूआईटी के अधिकारियों ने भी माना है।
कई बार प्रशासन से की गई शिकायत, लेकिन नही हुई कोई सुनवाई
गांव के मुकेश रैबारी ने बताया कि ब्लास्टिंग से 100-100 किलो तक के पत्थर खेतों में आकर गिरते हैं। इससे हमेशा खतरा बना रहता है। ग्रामीणों ने बताया कि इसकी शिकायत कई बार प्रशासन से की गई, लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्रीय विधायक लाला राम बैरवा ने कहा था कि आपके वहा पर बलास्टिंग नही होने दिया जाएगा फिर भी वहा पर मशीन चलाई जा रही हैं। जिन्दल कम्पनी द्वारा खनन कार्य चालू किये जाने को लेकर ग्रामीणों ने विधायक लाला राम बैरवा कि मिली भगत होने का गंभीर आरोप लगाया। माली समाज के प्रदेश संगठन मंत्री कन्हैया लाल माली ने बताया कि जिंदल की अवैध ब्लास्टिंग के विरोध में 06 सितम्बर को कोटड़ी आ रहे मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
एक महीने में सुनवाई नहीं तो पुर बंद का आह्वान किया जाएगा
मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष मांगीलाल विश्नोई ने बताया कि जिले में तीन कलेक्टर बदल गए, इसके बाद भी यूआईटी के अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे है, जबकि कलेक्टर खुद यूआईटी के अध्यक्ष है। कलेक्टर राजेंद्र भट्ट, शिवप्रसाद एम नकाते, आशीष मोदी ने भी बड़े मंदिर का दौरा किया था। कोषाध्यक्ष बाबूलाल गाडरी ने बताया कि पुर में कलेक्टर, यूआईटी व नगर परिषद की मौजूदगी में समझौता हुआ जिसमें यूआईटी को बड़े मंदिर का जीर्णाेद्धार करवाने की जिम्मेदारी दी, लेकिन यह अभी तक पूरी नहीं की। यूआईटी के अधिकारी मौके पर आते हैं और देखकर चले जाते है, इसके बाद आगे कोई कार्य नहीं होता है। सचिव मूरलीधर जोशी ने बताया कि पुर में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी दौर कर चुके है, इसके बाद भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं। कलेक्टर नमित मेहता, भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को भी ज्ञापन दे चुके है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों का कहना है कि एक महीने में अगर सुनवाई नहीं हुई तो पुर बंद का आह्वान किया जाएगा और रोड को जाम करेंगे। पदाधिकारियों का कहना है जिस तरह से पहले आंदोलन किए गए उसी तरह से आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है।

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