बुरा ना मानो होली है : किस्मत जब भी असर दिखाये , उल्लू भी नेता बन जाये
: नरेन्द्र मोदी :
जो चाहूं, वह होता जाये |
भ्रष्ट विरोधी बच ना पाये।।
: मोहन भागवत :
ईश्वर मन की पूर्ण कराए।
जल्द राष्ट्र हिंदू बन जाये॥
: अमित शाह :
मेरे ईश्वर यही मनाऊं।
एक बार उनकी पा जाऊं॥
: राजनाथ सिह:
अंतर्मन यह सत्य बताये।
मुझको दोनों बहुत दबाए॥
: नितिन गडकरी :
नहीं मचाता ज्यादा शोर।
पता मुझे जाना किस ओर।।
: जेपी नड्डा :
मेरा भी है तगड़ा खेल।
चाहूं जैसा देता पेल॥
: एल के आडवानी :
इतनी डाली मुझ पर धूल।
अपने भी गये मुझको भूल॥
: मुरली मनोहर :
समय की देखो कैसी मार।
मुझे समझते हैं बेकार ॥
: मल्लिकार्जुन खड़गे :
कैसे क्या कर पाऊंगा।
केवल नाम चलाऊंगा।।
: सोनिया गांधी:
जो चाहा वह हो ना पाया।
बेटा भी पप्पू कहलाया॥
: राहुल गांधी :
जीते जी ,जी ना पाऊंगा।
कैसे काम चलाऊंगा।।
: प्रियंका गांधी :
चाहे जितना जोर लगाऊं।
लगता उसकी कभी ना पाऊं॥
: योगी आदित्य नाथ :
आगे बढ़ते जाना है।
निश्चिय उनकी पाना है।।
: सतीश महाना :
जो चाही वह मिल ना पाई।
तब भी कम ना बहुत कमाई॥
: अखिलेश यादव :
अब तो नहीं ठिकाना है।
अब ना यूपी पाना है॥
: शिवपाल यादव :
दिल ने सच ही माना है।
मतलब मिटते जाना है।।
: मायावती:
अब नम्बर ना आयेगा।
फिर भी हाथी खायेगा।।
: लालू यादव :
केवल भाई हंसाना है।
अब तो कभी ना पाना है॥
: तेजस्वी यादव :
देखो क्या कर पायेंगे।
जेल नहीं क्या जायेंगे॥
: नितीश कुमार :
आगे ना बन पाउंगा।
खाली ऊपर जाऊंगा॥
: अरविंद केजरीवाल:
काफी तगड़ा खेला खेल।
बचा नहीं, भिजवाया जेल
: मनीष सिसौदिया :
मेरा भी तो बिगड़ा खेल।
मेरा घर तो अब भी जेल॥
: संजय सिंह :
हथकंडा ऐसा अपनाया ।
मुझको भी अंदर करवाया ॥
: ममता बनर्जी :
मैं भी देख रही हूं सपना।
उनका पद कैसे हो अपना॥
: शिवराज सिंह चौहान:
मैं भी तगड़ा खेला खाया।
फिर भी क्यों ढक्कन करवाया॥
: डॉ मोहन यादव :
चली भाग्य की मेरी रेल।
अब आगे भी देखो खेल॥
: भजन लाल शर्मा:
कैसे क्यों कोई समझ ना पाया।
मेरा ही क्यों नंबर आया ।।
: अशोक गहलोत :
अब तो बस पछताना है।
कभी नहीं अब पाना है ॥
: भूपेश बघेल :
जुएं का मतलब समझे यार।
एक के बदले पाया चार ।।
: नायब सिंह सैनी :
बड़े भाग्य से मैंने पाई।
कौन रास्ता होय कमाई॥
: मनोहर लाल :
क्या बताऊं भैया हाल।
बीत गया अब मेरा काल॥
: भगवंत मान
क्या बिल्कुल ना शर्माओगे।
हमको भी भिजवाओगे ॥
: हेमंत सोरेन :
किया बहुत है लंबा खेल॥
अब मेरा घर भइया जेल।।
: चंपई सोरेन :
यदि भाई ना जाते जेल।
कभी न बनता मेरा खेल॥
: पुष्कर सिंह धामी :
कोई विरोधी समझ ना पाता।
कैसे अपना काम बनाता॥
: एम के स्टालिन :
बहुत रास्ते आये माल ॥
समझ ना पाये दुश्मन चाल॥
: हिमंत विस्वा सरमा :
किससे कैसे रखना मेल।
नहीं समझते मेरा खेल॥
: सुखबिन्दर सिंह सुक्खू :
मेरा भी तो समझो हाल
मैं भी करता भाई कमाल ॥
: एक नाथ शिंदे :
क्यों मचाते भाई शोर ।
नहीं किसी से मैं कमजोर॥
: उद्धव ठाकरे :
नहीं जमाओ मुझ पर धाक।
मैं भी सत्ता का चालाक॥
: राज ठाकरे :
कोई तो अब राह बताए।
राज सुंदरी कैसे आए ॥
: शरद पवार :
मन की सरल नहीं हो पाना।
केवल अपना नाम चलाना॥
: संजय राउत :
अपना काम बनाना है।
सब में टांग अड़ाना है॥
: गौतम अडानी :
यदि चाहो सरकार चलाना।
मुझको भूल कभी मत जाना॥
: मुकेश अंबानी :
केवल पैसे से ही प्यार।
देता है पूरा संसार ॥
: अनिल अंबानी:
समझो ना मुझको कमजोर।
मेरा भी पैसे पर जोर॥
: बाबा रामदेव :
केवल धन की खेलूं पारी।
मैं भी बहुत बड़ा व्यापारी॥
-सुनील बाजपेई
कवि, गीतकार,
लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार