पुलिस पर रिश्वत का आरोप: पीड़ित परिवार ने उच्च अधिकारियों से न्याय की मांग की
अजय सिंह (चिंटू)
जयपुर -स्मार्ट हलचल/जयपुर के बस्सी थाना क्षेत्र में जमीनी विवाद का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें पीड़ित परिवार ने धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज और पुलिस की पक्षपातपूर्ण जांच के आरोप लगाए हैं। यह मामला रामला नामक व्यक्ति के चार पुत्रों (मगला, सेडू, झूथा और बिरदा) के वंशजों से जुड़ा है। पीड़ित पक्ष का कहना है कि उनके पूर्वजों ने आपसी सहमति से जमीन का बंटवारा कर लिया था।
झूथा के पुत्र प्रभात्या की मृत्यु नाबालिग अवस्था में हो गई थी। इसके बाद, 1977 में एक इकरारनामे के अनुसार, प्रभात्या की जमीन को भाइयों में बराबर-बराबर बांट दिया गया। प्रभात्या की मां घीसी ने अपने जीवनकाल में न तो किसी को गोद लिया और न ही किसी को उत्तराधिकारी बनाया।
हालांकि, रामनाथ के पुत्र कल्याण पर आरोप है कि उसने धोखाधड़ी से खुद को प्रभात्या का उत्तराधिकारी दिखाने के लिए फर्जी दस्तावेज और पहचान पत्र तैयार कर राजस्व रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया।
पीड़ित परिवार ने 2021 में एसडीएम जमवारामगढ़ के समक्ष दावा दायर किया, जिसमें कल्याण पेश नहीं हुआ। इसके चलते एसडीएम ने एक्स-पार्टी आदेश जारी कर दिया। 2022 में कल्याण की मृत्यु हो गई, लेकिन उसके पुत्र डूगरसी (जो दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर हैं) ने मरणोपरांत गलत जानकारी देकर जमीन का नामांतरण करा लिया।
मामला तब और गंभीर हो गया जब 2023 में पीड़ित परिवार ने बस्सी थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी (धारा 420, 467, 468, 471, 120बी) के तहत एफआईआर दर्ज कराई। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि जांच अधिकारी ने रिश्वत लेकर दोषियों को बचाने की कोशिश की और निष्पक्ष जांच नहीं कर रहा है।
अब पीड़ित परिवार ने उच्च अधिकारियों से मामले में हस्तक्षेप कर न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।