शाहपुरा-पेसवानी
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, फूलिया खुर्द में सोमवार को विशेष सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम की साक्षी बनी, जब संचिना कला संस्थान के अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध रंगकर्मी रामप्रसाद पारीक ने बाल विवाह, स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर रोचक एवं प्रभावशाली नाट्य प्रस्तुति दी। कार्यक्रम ने बच्चों को न केवल मनोरंजन प्रदान किया, बल्कि समाज में व्याप्त कुरीतियों और जिम्मेदारियों के प्रति गंभीर संदेश भी दिया।
नाटक में बाल विवाह की समस्या पर प्रकाश डालते हुए पारीक ने बताया कि यह कुप्रथा आज भी कई ग्रामीण इलाकों में देखने को मिलती है, जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के बराबर है। उन्होंने समझाया कि नाबालिग अवस्था में विवाह होने से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बाधित हो जाता है। पढ़ाई अधूरी रह जाती है और कम उम्र में ही जिम्मेदारियों का बोझ उन पर पड़ जाता है। इस कारण वे न तो अपने सपनों को पूरा कर पाते हैं और न ही समाज में प्रभावशाली योगदान दे पाते हैं। नाटक के दौरान विद्यालय के छात्र-छात्राएं हँसी से लोटपोट होते रहे, लेकिन हर दृश्य में निहित महत्वपूर्ण संदेश उनके मन में गहरे उतरते दिखाई दिए।
रामप्रसाद पारीक ने बच्चों से संवाद करते हुए स्वच्छता का महत्व भी समझाया। उन्होंने कहा, स्वच्छता ही अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है। ‘शौच के लिए सोचो’ जैसे प्रभावशाली नारे के माध्यम से उन्होंने खुले में शौच न करने तथा व्यक्तिगत व सामुदायिक स्वच्छता बनाए रखने का आग्रह किया। पारीक ने ‘मैं पेड़ हूँ’ शीर्षक कविता के जरिए पेड़ों का महत्व समझाया और बताया कि हरे-भरे पेड़ों को संरक्षित करना हम सबकी जिम्मेदारी है, क्योंकि यही हमारे जीवन और पर्यावरण के अस्तित्व की आधारशिला हैं।
कार्यक्रम के अंत में पारीक ने विद्यालय के प्रधानाचार्य बनवीर सिंह राठौड़ को संचिना संस्था की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने विद्यालय प्रशासन और शिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों को सही दिशा दिखाने के लिए स्कूलों में इस तरह की गतिविधियाँ अत्यंत आवश्यक हैं, क्योंकि यही युवा मन कल समाज का भविष्य बनेंगे।
इस अवसर पर विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक ओम माली ‘अंगारा’ ने किया, जिन्होंने अंत में सभी का आभार व्यक्त किया और बच्चों को इन संदेशों को जीवन में अपनाने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रस्तुतियाँ बच्चों में सकारात्मक सोच पैदा करती हैं और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में प्रेरित करती हैं।
इस प्रेरणादायी कार्यक्रम ने विद्यालय के विद्यार्थियों में उत्साह भर दिया। बच्चों ने पारीक जी से कई सवाल पूछे और सामाजिक सुधार का हिस्सा बनने की दृढ़ इच्छा व्यक्त की। विद्यालय परिसर में पूरे कार्यक्रम के दौरान उत्साहपूर्ण और जागरूकता भरा माहौल देखने को मिला, जिसने बच्चों के साथ-साथ उपस्थित शिक्षकों को भी प्रेरित किया।


