गुरलाँ । पांच दिन के दीपावली महापर्व के चौथे दिन गोवर्धन महाराज की पूजा अर्चना की जाती है। हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजन करने का विधान है। इस तिथि को अन्नकूट के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस दिन घरों में अन्नकूट का भोग बनाया जाता है। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा संबंध दिखाई देता है। गोवर्धन पूजा के दिन हर घर में गाय के गोबर से गोवर्धन महाराज की प्रतिमा बनाई जाती है और पूरे परिवार के साथ शुभ मुहूर्त में पूजा अर्चना की जाती है। लेकिन इस बार दिवाली की तिथि की वजह से गोवर्धन पूजा की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। दिन विधि विधान के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है और अनाज से बना भोग लगाया जाता है। साथ ही गाय और बैलों का पूजन भी किया जाता है। इस दिन महिलाएं गोबर से गोवर्धन भगवान बनाकर उनकी पूजा और परिक्रमा करती हैं। इस दिन गोवर्धन चालीसा का पाठ भी करना चाहिए, जिससे मनुष्य के सारे मनोरथ पूर्ण होते हैं। गोवर्धन का पर्व देशभर में 2 नवंबर दिन शनिवार को मनाया जाएगा और इस दिन गोवर्धन महाराज की पूजा अर्चना की जाती है । कंचन देवी, रेखा सेन, मीरा सेन, मधू देवी, उषा सेन, पायल सेन ने गौवर्धन पुजा की ।