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हाईकोर्ट के आदेश भी बेअसर, डेयरी बुथ कम और जनरल स्टोर ज्यादा हो गए, दूध की आड़ में बेचे जा रहे मादक पदार्थ व अन्य खाद्य प्रोडक्ट्स

राजेश जीनगर

भीलवाड़ा । न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 2017 में डेयरी बूथों पर डेयरी प्रोडक्ट्स के अलावा अन्य किसी भी तरह की बिकने वाली खाद्य सामग्री पर रोक लगाईं थी, बावजूद इसके नियमों की धज्जियां उड़ानें के साथ डेयरी बुथों पर हाईकोर्ट के आदेश भी बेअसर से नजर आ रहे हैं तो डेयरी प्रबंधन को भी जैसे लोगों के स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ से जैसे कोई लेना-देना नहीं हो। ना तो किसी तरह की निगरानी और ना ही नियम विरुद्ध चल रहे ऐसे बुथों पर कोई कार्यवाही। जिसके चलते डेयरी बुथ संचालक बैखौफ मनमर्जी कर डेयरी प्रोडक्ट्स के अलावा अन्य सामान विक्रय कर चांदी कुटने में लगे हुए हैं। निवर्तमान सरकार के एक नेता के करीबी रहे एक डेयरी बुथ संचालक की मानें तो उसका कहना है की केवल बुथ संचालन में कोई ज्यादा मुनाफा नहीं है। इसलिए अन्य प्रोडक्ट्स बेचने को मजबूर हैं। इतना ही शहर में संचालित डेयरी बुथों पर छाछ और दूध की थैली मिले ना मिले, लेकिन मादक पदार्थ जरूर मिल जाता है। बीड़ी, गुटखा, सिगरेट, तंबाकू, अन्य शीतल पेय भी धड़ल्ले से बेचे जा रहा है। असल में डेयरी विभाग बूथ को केवल डेयरी के उत्पाद दूध, घी, छाछ, मक्खन आदि बेचने के लिए आवंटित करते हैं। परन्तु आवंटी खुद ऐसे बूथ का संचालन करने की जगह अन्य व्यक्ति को किराया पर दे देते हैं। जो बूथों पर डेयरी उत्पादों से ज्यादा अन्य सामान बेचने के लिए उपयोग करते हैं। डेयरी उत्पाद बेचने के लिए आरसीडीएफ की ओर से अधिकार पत्र जारी किया जाता है। वहीं नगर निगम बूथ के लिए जगह देती है। नियमानुसार इन बूथों पर केवल डेयरी उत्पादों की बिक्री ही की जा सकती है। वहीं बूथ की स्वीकृति से पहले यातायात पुलिस से एनओसी लेनी होती है, ताकि बूथ रखने पर यातायात में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हो और बूथ की साइज 8 x 6 फीट होना आवश्यक होता है, लेकिन शहर के कई चौराहों पर यातायात नियमों को ध्यान में नहीं रखते हुए बुथ की साइज़ दुगुनी चौगुनी है। कई जगह तो हालात ये हैं की डेयरी बुथ की आड़ में युआईटी की जमीनों पर कब्जे हो गए, जहां सिर्फ अधिकृत बुथनुमा केबिन रखना था। वहां पक्का निर्माण तक कर दिया गया है। ऐसे डेयरी बुथों के बारे में युआईटी अधिकारियों को भी अवगत करवाया गया, लेकिन डेयरी बुथ की आड़ में युआईटी की जमीनों पर हुए अतिक्रमण को लेकर शायद अधिकारी भी गंभीर नजर नहीं आए।

*ये हैं, डेयरी बूथ से जुड़े कुछ नियम …*

– डेयरी बूथ आवंटन के लिए फ़ॉर्म भरने के लिए, सामान्य निर्देशों का पालन करना होता है।
– डेयरी बूथ का आवंटन 20 साल के लिए होता है, डेयरी बूथ का आवंटन पूरी तरह से अस्थायी होता है।
– डेयरी बूथ का किराया, स्वायत्त शासन विभाग की अधिसूचना या सरकार की दर के मुताबिक होता है।
– डेयरी संचालक के लिए, दूध की खरीद में पूरी पारदर्शिता और बिना मिलावट के दूध का उत्पादन ज़रूरी है।
– डेयरी बूथ का संचालन, सिर्फ़ स्वीकृत जगह पर ही किया जा सकता है, डेयरी संचालन के लिए, उम्र 18 साल से ज़्यादा होनी चाहिए।
– 60 और 100 फ़ीट चौड़ी सड़क पर, तिराहों और चौराहों से 25 मीटर दूर बूथ लगाया जा सकता है।
– फ़ुटपाथ पर बूथ लगाने के लिए, आने जाने के लिए एक मीटर दूरी छोड़कर एनओसी लेनी होती है।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
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