श्रद्धालु और भक्तों के लिए घर को मंदिर बनाया
नितिन डांगी,ब्यावर ✍️
स्मार्ट हलचल/बड़े-बड़े ऋषि मुनि का कहना है कि ईश्वर की भक्ति से बढ़कर कुछ नहीं जब जीवन भी ईश्वर ने दिया है तो सब कुछ वही देता है,मानव मात्र तो माध्यम बनता है। भक्ति भी परमात्मा की बिना कृपा नहीं मिलती। फतेह सिंह विदेश में नौकरी करता था सपने में माता दुर्गा जी के दर्शन हुए भारत अपनी जन्मभूमि केसरपुरा(जवाजा) लौट आया। सार्वजनिक स्थल पहाड़ी पर स्थित मंदिर में तपस्या साधना की। लेकिन शायद कुछ लोगों को यह ना गवारा गुजरा फिर अपने आवास को ही मंदिर बना लिया या सैकड़ो श्रद्धालु आते हैं और माता उनकी मनोकामना पूरी करती है। यह पवित्र जागृत स्थल है ब्यावर से मात्र 7 किलोमीटर उदयपुर रोड स्थित गांव केसरपुरा जहां माताजी श्री पिपलाज मां दरबार खोडियार सातो बयासा मंदिर स्थित है। मंदिर के प्रमुख उपासक तथा माता जी के परम भक्त श्रदेय फतेह सिंह जी ने बताया कि अपने व परिवार के जीवकोपर्जन के लिए 1999 मैं विदेश चले गए थे लगभग 11 वर्षों तक उन्होंने वहां नौकरी की। इसी बीच एक रात्रि को उन्हें मां जगदंबा माता का साक्षात्कार हुआ और भक्ति की लौ प्रफुल्लित हुई कुछ समय पश्चात आप स्वदेश( केसरपुरा) लौट आए और साधना में जुट गए गांव की पहाड़ी पर माता का मंदिर है। जहां वे पूजा अर्चना साधना करने लगे। आपके गुरु श्रदेय 1008 श्री महावीर पुरी जी है जिनके आशीर्वाद से अपने 13 अक्टूबर 2013 को विधिवत रूप से बैल पहनी तपस्या भक्ति का यह क्रम जारी रहा। जो माता उन्हें देती है वह निस्वार्थ निशुल्क श्रद्धालुओं में बांट देते हैं। लोगों की मन्नत पूरी होने लगी भक्तों का जमावड़ा (ताता) लगने लगा। शारीरिक मानसिक कष्टोंका निवारण तो होता ही है मृत व्यक्ति तक यहां से ठीक होकर जाने की चर्चा आम है। बहनों की गोद सुनी थी ऐसी अनेक माता की मां भवानी ने पुकार सुनी और उन्हें संतानों का सुख प्राप्त हुआ कोढ पैरालसिस ऐसे अनेक उदाहरण है। लोकप्रियता की गूज जब क्षेत्र में सुनाई देने लगी तब अनेक श्रद्धालु व्यापारी सर्विस क्लास पीड़ित राजनेता पत्रकार मंदिर में दर्शन और अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए यहां आने लगे। लोकप्रियता का आलम यह रहा कि कुछ लोगों को शायद यह रास नहीं आया और पहाड़ी पर स्थित मंदिर से उन्हें दूर करने का प्रयास हुआ। श्रदेय फतेह सिंह जी ने बताया कि उन पर जानलेवा हमला भी हूआ। बाद में उन्होंने श्रद्धालुओं की भावना को देखते हुए अपने आवास को ही मंदिर में तब्दील कर लिया। मंदिर में मां भगवती श्री पिपलाज मां खोडियार सातों बायो सा भगवान हनुमान जी भेरुनाथ शिव पार्वती की आकर्षक मूर्तियां स्थित है जो ऐसा लगता है कि साक्षात हो। अपनी भक्ति का मार्ग चयन करते हुए विगत 11 वर्षों से अनाज तक का त्याग कर रखा है। सिर्फ फल का आहार ही लेते हैं। इस बीच अपने माता जी द्वारा बताई अनेक घटनाओं का पूर्ण समय परी भविष्यवाणी की जो सच साबित हुई। अभी हाल ही में आपने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के चुनाव पूर्व अपने विजय होने की बात कही थी लेकिन एहसास होगा कि कहीं त्रुटि रही है इसलिए बहुमत में कसर रह सकती है आपका भी मानना है कि भारत के नक्शे में वृद्धि होगी हमारे देश की सीमाएं बढ़ेगी। अपने स्थानीय जिला व राज्य स्तर पर भी अनेक घटनाओं के विस्तार से चर्चा की। आपके दो पुत्र विदेश में कार्यरत है मंदिर परिषद में विशाल कीर्ति स्तंभ का निर्माण चल रहा है यह विशाल छठ का भी निर्माण प्रस्तावित है। आपने एक बात और कहीं की कलयुग में इंसान इतना स्वार्थी होता जा रहा है कि स्वास्थ्य पूरा होने के बाद वह पीछे मुड़कर नहीं देखा लेकिन वह क्रम बंधन से तो मुक्त नहीं हो सकता। भाग्य में भक्ति भी तभी सहयोगों की भूमि का अदा करते हैं जब आप जीवन में ईमानदार हैं अपने कर्म सच्चे हैं। मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु यदि अपनी भावना से मंदिर हित में विकास कार्य में भागीदार बनता है तो निश्चित उसके हर कार्य सफल होने में मां का आशीर्वाद सदा उसके साथ रहेगा