♦कानपुर में दारोगा द्वारा रिश्वत की मांग पूरी करने में असमर्थ युवक फांसी पर झूला
– मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद फरार हुए सिपाही और दरोगा
– ₹5000 रिश्वत की मांग पूरी नहीं करने में सचेंडी में मंडी का चौकी इंचार्ज सब्जी विक्रेता को लगातार कर रहा था प्रताड़ित
– प्रकरण को लेकर ट्रेनी आईपीएस थाना प्रभारी और विधायक के बीच हुई नोंकझोंक
सुनील बाजपेई
कानपुर। स्मार्ट हलचल /रिश्वत की मांग पूरी करने के लिए चौकी इंचार्ज दरोगा द्वारा लगातार किया जा रहा उत्पीड़न सब्जी बेचकर परिवार का गुजारा करने वाले एक गरीब युवक की असमय मौत का कारण बन गया।
घटना में चौकी प्रभारी और सिपाही के खिलाफ आत्महत्या के लिए उत्पीडित करने का मुकदमा दर्ज किया गया है ,जिसके बाद दोनों फरार हैं। घटना को लेकर सचेंडी के ट्रेनी आईपीएस थाना प्रभारी और स्थानीय विधायक अभिजीत सिंह सांगा से विवाद भी हुआ।
यह घटना सचेंडी थाने के कस्बे में हुई जहां के निवासी एवं सब्जी विक्रेता ने चौकी इंचार्ज और एक सिपाही के उत्पीड़न से त्रस्त आकर घर के कमरे में गमछे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
जानकारी के मुताबिक मरने से पहले उसने गले में फंदा लगाकर 1 मिनट 5 सेकंड के वीडियो में स्थानीय चौकी इंचार्ज और एक सिपाही पर पिछले दो माह से रास्ते में रोक कर गाली गलौज कर उत्पीड़न करने और फोन पर धमकी देने का आरोप लगाया है।
युवक ने दूसरा वीडियो अपने घर वालों को संबोधित करके माफी मांगते हुए बनाया है। बनाए गए वीडियो को फेसबुक स्टेटस पर अपलोड करने के बाद युवक ने आत्महत्या कर ली। सुबह युवक की मौसी ने स्टेटस देखा तो घर वालों को फोन किया। तब जाकर घटना की जानकारी हुई। सूचना पर मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस के साथ फील्ड यूनिट ने जांच पड़ताल की।
लोगों के विरोध को देखते हुए पनकी, अरमापुर और रावतपुर थानों का फोर्स बुलाया गया।
प्राप्त विवरण के मुताबिक सचेंडी थाना क्षेत्र के सचेंडी कस्बा निवासी बालकृष्ण राजपूत का छोटा बेटा सुनील राजपूत लगभग चार माह पहले चकरपुर सब्जी मंडी में सब्जी लगाने का कार्य करता था।
मौके पर पहुंचे अधिकारियों को मां राजेश्वरी ने बताया कि मंडी चौकी प्रभारी सत्येंद्र कुमार यादव व सिपाही अजय यादव ने मंडी में वसूली के चलते सुनील से 5 हजार रुपए मांगे। जिनको देने में असमर्थता जताने पर उन्होंने उसकी सब्जी उठाकर फेंक दी और दोबारा दुकान न लगाने की चेतावनी दी थी।
इसके बाद भी दुकान लगाने पर वह अक्सर उसको रास्ते में रोक कर गाली गलौज करते थे, और प्रताड़ित करते थे। उनका तीसरे नंबर का बेटा राजकुमार जो कि जेल में है, उसका नाम लेकर घर आकर लोगों से गाली गलौज और प्रताड़ित करते थे। करीब दो माह पूर्व इससे त्रस्त आकर उसने नींद की 20 गोलियों का सेवन कर लिया था। तब स्वजन ने उसे हैलट में भर्ती कराया था। तब सत्येंद्र कुमार यादव ने समझौता कर आगे से उत्पीड़न न करने का आश्वासन दिया था। लेकिन इसके बाद भी दरोगा सत्येंद्र यादव ने उसे प्रताड़ित करने का सिलसिला बंद नहीं किया। जिसके फलस्वरुप इन्हीं हालातों ने उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया। घटना पुलिस के खिलाफ क्षेत्र में जबरदस्त रोष का भी कारण बनी हुई है।