दुकानदारों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर सफाई के नाम पर 500 रुपये प्रतिमाह रिश्वत मांगने का लगाया आरोप, न देने पर तोड़ी जा रही है पुलिया
अतिक्रमण हटाने के नाम पर जेसीबी से रजवाह किनारे लगे वर्षों पुराने पेड़ उखाड़े गए
सैफई ( इटावा)स्मार्ट हलचल|सैफई में रजवाह पर बनी पुलिया 20 साल बाद सिंचाई विभाग ने अवैध घोषित की है। 20 साल तक अवैध निर्माण होता रहा और सिंचाई विभाग के अधिकारी कुम्भकर्णी नींद सोते रहे। सैफई में इसकी चर्चा जोरों पर है। अब जब इसमें विभागीय अधिकारी फंसते दिख रहे है तो बिना नोटिस दिए पुलिया तोड़ी जा रही है। दुकानदारों ने दबी जुबान से नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब पुलिया बनाई थी तब 3 -5 हजार रुपये रिश्वत दी गयी थी अब अधिकारी हर दुकानदार से सफाई के नाम पर 500 रुपये प्रतिमाह की मांग की जा रही थी जब दुकानदारों ने देने से मना किया तो अब अतिक्रमण के नाम पर दुकानों के सामने 20 वर्षों से बनी पुलिया तोड़ी जा रही है। व मकान दुकानों के सामने लगे वर्षों पुराने पेड़ उखाड़े जा रहे है। इससे सिंचाई विभाग के अधिकारी सवालों के घेरे में है।
सैफई में बीते सप्ताह सिंचाई विभाग ने सैफई से बनामई जसवन्तनगर की तरफ जाने वाले रजवाह पर अतिक्रमण हटाने का फैसला लिया है। लेकिन जब यह अतिक्रमण किया जा रहा था उस समय विभाग के अधिकारी कहाँ थे। जानकर सूत्र बताते है कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने आर्थिक लाभ लेकर पुलिया बनवा दी। माइनर को पाटकर घरों की दीवार बना दी गयी और विभाग सोता रहा।
सैफई के रेलवे लाइन से अमरसीपुर तिराहे तक 50 से अधिक लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है दुकानदारों ने पुलिया बनाकर रजवाह को पाट दिया है। दुकानदार व फल विक्रेता सभी कूड़ा करकट इसी माइनर में डाल देते है इससे माइनर की सफाई नही हो पाती। क्यों कि पुलिया होने की बजह से जेसीबी नही चल पाती। इसके लिए दोषी सिंचाई विभाग के अधिकारी है जब माइनर पर पुलिया के निर्माण हो रहा था। 10 -12 दिन तक लेंटर पकाया गया, चाली लगाई गई, बांस बल्ली लगाई गई तब अधिकारी कहाँ गायब थे। कुछ लोगों के रजवाह के ऊपर घर की दीवार बना रखी है। विभाग ने इन अतिक्रमणकरियो को अभी तक नोटिस क्यो नही दिया।
सैफई रजवाह के किनारे बसे हुए दुकानदारों ने दबी जुबान से बताया कि जब हमने पुलिया का निर्माण किया था तो हम दुकानदारों का मकान मालिकों से विभाग के अधिकारियों ने तीन से हजार रुपये लिए थे उसके बाद पुलीया का निर्माण करने दिया गया था। और अब सिंचाई विभाग के अधिकारी हर दुकानदार से प्रतिमाह
500 रुपये मांग रहे हैं कह रहे कि अगर रजवाह के किनारे दुकान रखोगे तो 500 रुपये प्रतिमाह सफाई खर्च देना पड़ेगा जब हम लोगों ने रुपए देने से मना कर दिया तो यह अतिक्रमण हटाने के नाम पर कार्रवाई की जा रही है हम लोग 20 साल से दुकान किए हैं पहले कभी भी इस तरह की किसी कार्रवाई कम लोगों को सामना नहीं करना पड़ा हम लोग मानते हैं हमारी गलती है लेकिन इसमें विभाग के अधिकारी भी पूरी तरह से दोषी इनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
👉 वन विभाग से नही ली अनुमति, उखाड़ दिए गए हरे पेड़
सैफई से जसवन्तनगर रोड पर रजवाह के किनारे सड़क पर लगे वर्षों पुराने पेड़ों को भी जेसीबी से उखाड़ कर फेंक दिया गया। इसके लिए वन विभाग से अनुमति नही ली गयी। इससे पर्यावरण संरक्षण से जुड़े सवाल भी उठने लगे।
👉 अधिकारियों की भूमिका की कराई जाएगी जांच : अधिशासी अभियंता राकेश कुमार
इस बारे में जब हमारे संवाददाता ने सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता राकेश कुमार से फोन पर बात की और उनसे पूछा गया कि जब पुलियों का निर्माण हो रहा था और लोग अपने मकान की दीवार रजवाह के ऊपर बना रहे थे उस दौरान विभाग के अधिकारी कहां थे। अतिक्रमण करने वालों को नोटिस क्यों नहीं दिया गया। 20 वर्षों में अधिकारी कहां सोते रहे। क्या इसके लिए अधिकारी जिम्मेदार नहीं है। तो अधिशाषी अभियंता ने कहा है कि अधिकारियों ने लापरवाही की है इसकी जांच कराई जाएगी।
👉 बिना नोटिस दिए तोड़ी गयी पुलिया व मकान की दीवार, गेट, टीनशेड
सैफई से जसवंतनगर रोड के रजवाह पर बनी पुलिया व मकान के गेट दीवार बिना नोटिस दिए तोड़ दी गयी। जब कि नियमतः नोटिस देकर सूचित करना चाहिए और अपना अतिक्रमण हटाने का समय भी देना चाहिए लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने नियमो को दरकिनार करके मनमानी करके बिना पूर्व सूचना , और बिना नोटिस दिए गेट, दीवार व पुलिया, टीनशेड तुड़वा दिया। यही नही छायादार बृक्ष भी उखाड़ दिए गए।
👉 वैकल्पिक रास्ता न होने से स्कूल और अस्पताल जाना हुआ मुश्किल
स्थानीय निवासियों ने बताया कि कार्यवाही से पहले कोई वैकल्पिक रास्ता नही बनाया गया। घर के सामने पुलिया टूटने से बच्चों का स्कूल जाना, मरीजों का अस्पताल पहुंचना और दैनिक कार्यों के लिए आवागमन बाधित हो गया है।
👉 अतिक्रमण हटाने में किया जा रहा है भेदभाव
रजवाह पर बनाई गई अवैध पुलिया, गेट, दीवार तोड़े जाने के मामले में लोगों ने भेदभाव का आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि गरीब कमजोर वर्ग को निशाना बनाया जा रहा है। जिनकी राजनीतिक पहुँचे है उनका अतिक्रमण नही हटाया गया। कई रसूखदारों का अतिक्रमण नही हटाया गया उनका सब पहले जैसा है।
👉 सिंचाई विभाग व पुलिस बल के साथ जेसीबी से हटाया गया अतिक्रमण
अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई और देर शाम जारी रही। इस कार्यवाही में सिंचाई विभाग के एसडीओ, जे०ई, व प्रभारी निरीक्षक थाना सैफई आर० के० शर्मा व चौकी इंचार्ज ललित कुमार मौजूद रहे।