मुकेश खटीक
मंगरोप।जलझूलनी एकादशी पर कस्बे में सात मंदिरों के बेवाण निकाले।सभी मंदिरों से भगवान बेवाण में विराज कर बड़ा मंदिर चारभुजा चौक में पधारे जहां भगवान को जलझुलन करवाया गया एवं विधि विधान से आरती के बाद भगवान की रेवाड़ियां निकाली गई जो बाजार से होते हुए सुनार मौहल्ला,गर्ग मौहल्ला व माली मौहल्ला से किर मौहल्ले से गुजरते हुए नगर भ्रमण किया।इस अवसर पर लोगों ने जगह-जगह भगवान पर पुष्प वर्षा,ग़ुलाल बरसाकर स्वागत किया।देर रात सभी बेवाण बनास नदी किनारे पहुंचे जहां से कस्बे के सांवरिया मन्दिर से बेवाण मे ठाकुर जी संग जल विहार करने नदी तट पर पधारे जहां जल विहार के बाद संध्या आरती की गई।पुराने समय से ही रेगर समाज की शोभायात्रा कों अलग रूट से निकाला जाता रहा है कारण कई सालों पहले विवाद की स्थितियां बन गई थी जिसके कारण इस बेवाण के निकलने का समय व रूट प्रशासन ने पृथक किया हुआ है।रेगर समाज मन्दिर से शोभायात्रा बनास नदी तक निकाली गई जहां भगवान कों जलझूलन के बाद वहां से पुनः अपने अपने निज धाम पहुंचे।पुरे कार्यक्रम के दौरान स्थानीय पुलिस जाप्ता मौजूद रहा।इस अवसर पर प्रद्युमन सिंह पुरावत,प्रेम सिंह पुरावत,जयकृतसिंह,रिंकू वैष्णव आदि सहित कई प्रबुद्धजन मौजूद रहे।