डेढ़ किलोमीटर दूर मिला कंकाल के रूप में शव
महुवा (हर्ष अवस्थी) 3 फरवरी
स्मार्ट हलचल/महुवा उपखंड के सलेमपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत तालचिडी गांव में ईट भट्टे पर मजदूरी करने वाले एक श्रमिक को शुक्रवार रात जरख ने अपना शिकार बना लिया। महवा थाना प्रभारी जितेन्द्र सिंह सोलंकी ने बताया कि भरतपुर जिले के मियाधपुर निवासी बीस वर्षीय दीपक कोली अपने परिजनों के साथ तालचिडी में ईट भट्टे पर मजदूरी करता था और वही अस्थाई निवास में रहता था। शुक्रवार रात जहाजपुर निवासी भट्टे मालिक के यहां से शादी समारोह में भोजन कर वापिस भट्टे पर लौट रहा था। भट्टे के पास जरख ने उसे अपना शिकार बना लिया। परिजनों ने उसके रातभर नही लौटने पर सुबह तलास किया तो उसके फटे हुए खून से सने कपड़े सड़क के किनारे कच्ची ईंटो के पास मिले और सड़क पर एवं पास के खेत में खून भी पड़ा मिला और शरीर के कुछ अवशेष भी मिले। साथ ही गौर से तफ्तीश करने पर जंगली जानवर के पगमार्क भी मिले। जिससे ग्रामीणों एवं भट्ठा मजदूरों ने जंगली जानवर द्वारा युवक का शिकार करने का कयास लगाकर पुलिस को इसकी सूचना दी।
— पांच घंटे के सर्च ऑपरेशन के बाद मिला कंकाल —
सूचना मिलने पर सुबह नौ बजे पुलिस शव की तलाश में जुट गई।एफएसएल टीम के साथ मौके पर पहुंचे पुलिस उपाधीक्षक प्रेम बहादुर, महवा थाना प्रभारी जितेन्द्र सिंह सोलंकी, सलेमपुर थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह, तालचिड़ी चौकी प्रभारी अशोक चौधरी, कांस्टेबल धीरज सिंह ने सरसो के खेतो में सघन तलाशी अभियान चलाया, लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी शव को ढूढने में सफलता नहीं मिली। खेतो में करीब डेढ़ किलोमीटर तक जगह जगह खून बिखरा पड़ा था। आखिर करीब साढ़े पांच घंटे बाद डॉग स्क्वायड टीम की मदद से घटना स्थल से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर युवक का शव सरसो के खेत में कंकाल के रूप में मिला। सिर के आलावा सारा शरीर क्षतविक्षत था। धड़ में से एक हाथ और एक पैर गायब थे।शव को बुरी तरह जानवरो ने नोच रखा था।
वन विभाग के फॉरेस्टर राम अवतार मीना ने बताया कि मौके पर एवं आसपास मिले जानवर के पगमार्क जरख के प्रतीत हो रहे है। जरख द्वारा ही युवक का शिकार कर जंगल में घसीट कर ले जाया गया है। पुलिस जांच में जुट गई है।
आस पास के ग्रामीणों में भय का वातावरण
ईट भट्टे पर हुई घटना को सुनकर आस पास के क्षेत्र के ग्रामीणों में भय का वातावरण बन गया है। किसान रात रात भर अपने खेतो पर अस्थाई निवास बनाकर खेतो की रखवाली करते है। क्षेत्र में नरभक्षी जानवर की खबर सुनकर वे भयभीत हो गए है। किसानों ने बताया कि यदि फसल की रखवाली नहीं करे तो आवारा पशु फसल को चौपट कर देंगे।
और दूसरी तरफ नर भक्षी जानवर से मृत्यु का डर भी उन्हें सता रहा है।