करीब पांच साल बाद शिवसेना नेता जेल से हुए रिहा-हिन्दू संगठनों में खुशी की लहर,
– जितेन्द्र उर्फ जीतू सिंधी ने हिंदुत्व के लिए कार्यरत रहने का ऐलान
(शिवराज बारवाल मीना)
टोंक/सवाई माधोपुर।स्मार्ट हलचल/सवाई माधोपुर जिले के निवासी हिन्दुस्तान शिवसेना के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान के प्रदेश प्रभारी हिन्दू नेता जितेन्द्र सिंधी (जीतू भईया) को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एडीजे) जिला अदालत से मिली दस वर्ष की सजा को राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधिपति विनोद कुमार भरवानी की एकल सदस्यीय खंड पीठ ने खारिज करते हुए उन्हें तत्काल जेल से रिहा करने के आदेश पारित किए हैं। हिन्दुस्तान शिवसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं जीतू सिंधी के एडवोकेट राजेन्द्रसिंह तोमर (राजा भईया) ने सोमवार को इस बाबत मीडिया को हाईकोर्ट के आदेश की सत्यप्रति के साथ प्रेसनोट देते हुए बताया कि उपरोक्त हिन्दू नेता को एक गोली कांड के झूठे मामले में फंसाया गया था, उसी प्रकरण में सवाई माधोपुर की एक एडीजे कोर्ट ने उन्हें दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी, जबकि मामला राजनीति से प्रेरित था और मामले में बहुत सारे विरोधाभास थे, जो गवाही के दौरान सामने आए थे। सजा आदेश के विरूद्ध उनके एडवोकेट राजेन्द्र सिंह तोमर ने जितेन्द्र सिंधी की ओर से अपने साथी राजस्थान हाईकोर्ट के एडवोकेट रजनीश गुप्ता के साथ एक आपराधिक अपील दायर की थी, जिस पर सभी पक्षों की दलीले सुनने के बाद और पत्रावली पर मौजूद रिकॉर्ड का अवलोकन करने के उपरांत माननीय हाईकोर्ट न्यायाधिपति ने अपील को स्वीकार करते हुए दस वर्ष की दी हुई सजा को रद्द करते हुए जितेन्द्र सिंधी को तत्काल 50,000/- के निजी मुचलके और 25,000/- रूपयों की राशि के दो जमानतियों के मुचलके दाखिल करने पर जेल से रिहा करने के आदेश पारित किए, जिस पर सम्पूर्ण न्यायिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद हिन्दू नेता को पांच वर्ष बाद जेल से रिहा कर दिया गया है। आपको बता दे चले कि जितेन्द्र सिंधी ने सवाई माधोपुर के साथ ही टोंक जिला जेल में भी अपनी सजा काटी हैं और टोंक जेल में उनके सजा काटने के दौरान भी उन्होंने टोंक जेल की अवैध चौथ वसूली को उजागर कर अपने वकील से कई आरोपियों के विरूद्ध मुकदमा दायर कर जेल में चौथ वसूली के आरोपियों और आरोपियों को संरक्षण देने वाले पुलिस अधिकारियों और पुलिस कार्मिकों को कोर्ट के कटघरे में खड़ा किया हैं तथा अन्याय के खिलाफ जंग जीती हैं। इससे जितेन्द्र सिंधी की सजा रद्द होने पर राज्य एवं जिले के तमाम हिन्दू संगठनों में खुशी की लहर दौड़ गई और एक नये उत्साह के साथ जितेन्द्र उर्फ जीतू सिंधी ने भी रिहा होने पर कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास था, जिसका उदाहरण आपके सामने है, सच्चाई की जीत हुई है। साथ ही कहा कि मैं पहले की भांति हिंदुत्व के लिए नियमित रूप से कार्यरत रहूंगा। आने वाले दिनों में श्री रामनवमी व हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर जिले में निकाली जाने वाली शोभा यात्राओं की तैयारी भी उन्होंने अन्य हिन्दू संगठनों के साथ मिलकर शुरू कर दी है।