♦️स्मार्ट हलचल♦️प्रयागराज।उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्योरा देने के निर्देश जारी होते ही सरकारी महकमों में हलचल मच गई है। कई विभागों के कर्मचारी अपनी संपत्तियों के खुलासे से बचने के लिए नए-नए उपाय तलाश रहे हैं। लाखों कर्मचारियों ने अब तक संपत्ति का ब्यौरा जमा नहीं किया है, जिस कारण उन्हें एक माह की अतिरिक्त मोहलत दी गई है।
इसी बीच अखिल भारतीय पत्रकार एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक अहम मांग की है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राज्य कर्मचारियों से उनकी संपत्तियों का ब्यौरा मांगा गया है, उसी तर्ज पर प्रदेश के नेताओं और उनके परिवारजनों को भी अपनी संपत्तियों का ब्योरा सार्वजनिक करना चाहिए।
संतोष कुमार ने आरोप लगाया कि कई नेता सरकारी संपत्तियों पर कब्जा जमाए बैठे हैं। उदाहरण के तौर पर, यूपी के एक राज्य मंत्री ने पिछले दो साल से दिल्ली में एक निगम का सरकारी गेस्ट हाउस कब्जा कर रखा है, जबकि लखनऊ में भी एक आलीशान बंगला आवंटित करवा लिया है। इतना ही नहीं, उनके करीबी सहयोगी सभी ठेकों और पट्टों का बंटवारा कर रहे हैं। उन्होंने राज्य संपत्ति के साथ-साथ आधा दर्जन से अधिक वाहन अपनी सेवा में लगाए हुए हैं, जिनका खर्च विभाग उठा रहा है।
संतोष कुमार ने कहा कि ऐसे नेताओं की संपत्तियों में अभूतपूर्व वृद्धि होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि ये लोग “कंबल ओढ़कर घी पी रहे हैं” और इससे एक ईमानदार और लोकप्रिय मुख्यमंत्री की छवि भी धूमिल हो रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे नेताओं और उनके परिवारजनों की संपत्तियों का भी खुलासा करने के लिए निर्देश जारी करें, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।