महिलाओं पर नेताओं के बिगड़ते रहते है बोल , पर बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो हद करते रहते हैं !
अशोक भाटिया, मुंबई
स्मार्ट हलचल/भारतीय राजनीति में छोटे-बड़े ऐसे कई नेता हुए हैं या हैं जिनकी जुबान का निशाना महिलाएं बनी हैं और फिर बवाल मचता रहता है। बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो हद कर दी । उन्होंने ऐसा कुछ बोलते है कि जनता सुन कर हैरान हो जाती है । पहले आपको ऐसे ही अब तक कुछ दूसरे नेताओं की जुबान से निकले महिलाओं पर नेताओं के बिगड़े कुछ बोल वचन के बारे में बताते है फिर हम नीतीश कुमार पर आएंगे ।
किसी समय समाजवादी पार्टी प्रमुख स्व. मुलायम सिंह यादव ने एक रैली में कहा था, “जब लड़के और लड़कियों में कोई विवाद होता है तो लड़की बयान देती है कि लड़के ने मेरा बलात्कार किया। इसके बाद बेचारे लड़के को फांसी की सजा सुना दी जाती है। बलात्कार के लिए फांसी की सजा अनुचित है। लड़कों से गलती हो जाती है।”
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी महिलाओं पर कई बार विवादित बयान दिए है । एक पार्टी कार्यक्रम में उन्होंने जयंती नटराजन को ‘टंच माल’ कह दिया था। दिग्गी ने एक बार राखी सावंत पर टिप्पणी करते हुए कहा था अरविंद केजरीवाल और राखी सावंत जितना एक्सपोज करने का वादा करते हैं उतना करते नहीं हैं। उनके इस बयान पर राखी ने उन्हें ‘सठिया गए हैं’ कहकर झिड़का था।
शरद यादव महिलाओं पर कई बार अभद्र टिप्पणी कर चुके हैं। जेडीयू नेता शरद यादव ने बयान दिया था कि बेटियों की इज्जत से वोट की इज्जत बड़ी है, जिसके बाद सभी तरफ से इसका बयान का खंडन किया गया। शरद यादव ने साउथ की महिलाओं को लेकर कहा था, ‘साउथ की महिला जितनी ज्यादा खूबसूरत होती है, जितना ज्यादा उसकी बॉडी।वह पूरा देखने में काफी सुंदर लगती है। वह नृत्य जानती है।’ महिला आरक्षण विधेयक जब पहली बार संसद में रखा गया था तब उन्होंने कहा था कि, इस विधेयक के जरिए क्या आप ‘परकटी महिलाओं’ को सदन में लाना चाहते हैं।
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था, महिलाओं को ऐसा श्रृंगार करना चाहिए, जिससे श्रद्धा पैदा हो, न कि उत्तेजना। कभी कभी महिलाएं ऐसा श्रृंगार करती हैं, जिससे उत्तेजित हो जाते हैं लोग। बेहतर हैं कि महिलाएं लक्ष्मण रेखा में रहें। होली मिलन के एक कार्यक्रम में भाजपा नेता ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर को ‘महिलाओं का शौकीन’ बताया था।
छत्तीसगढ़ के कोरबा से भाजपा सांसद बंसीलाल महतो ने राज्य की लड़कियों के लिए ऐसे शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसे लेकर उनकी काफी आलोचना हुई थी। महतो ने छत्तीसगढ़ के खेल मंत्री भैयालाल राजवाड़े का नाम लेते हुए कहा था कि वो अक्सर बोला करते हैं कि अब बालाओं की जरूरत मुंबई और कलकत्ता से नहीं है, कोरबा की टूरी और छत्तीसगढ़ की लड़कियां टनाटन हो गई हैं।
समाज में बढ़ती बलात्कार की घटनाओं पर पूछे गए सवाल पर हरियाणा की एक खाप पंचायत के नेता जितेंद्र छत्तर ने कहा था, “मेरे ख़्याल से फास्ट फूड खाने से बलात्कार की घटनाएं बढ़ती हैं। चाऊमीन खाने से शरीर के हार्मोन में असंतुलन पैदा होता है। इसी वजह से इस तरह के कार्य करने का मन करता है।”
राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने एक बार प्रियंका गांधी के लिए कहा था, ‘वह बनारस से चुनाव हार जाएंगी क्योंकि बहुत शराब पीती हैं।’ नेहरू और लेडी माउंटबेटन के संबंधों पर भी स्वामी विवादित टिप्पणी कर चुके हैं।
श्रीप्रकाश जायसवाल भाजपा नेता ने एक बार बयान दिया था कि, नई शादी का मजा ही कुछ और होता है और ये तो सब जानते हैं कि पुरानी बीवी में वो मजा नहीं रहता ।
गोवा के मुख्यमंत्री और भारत के पूर्व रक्षा स्व . मंत्री मनोहर पर्रिकर ने लड़कियों के शराब पीने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था- ‘मैं डरने लगा हूं क्योंकि अब तो लड़कियां भी शराब पीने लगी हैं। सहने की क्षमता खत्म हो रही है।’
बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो हद कर दी । सदन में बजट के दौरान विपक्षी विधायकों के हाय-हाय करने पर नीतीश कुमार भी कहने लगे, आप सब हाय हाय हैं, हाय हाय… हाय हाय! गुस्से में लाल नीतीश कुमार आरजेडी विधायक रेखा देवी पर बिफर पड़े. कहने लगे, ‘अरे तुम महिला हो… कुछ जानती नहीं हो… कहां से आते हैं, इन लोगों ने कुछ किया है? 2005 के बाद महिला को हमने ही आगे बढ़ाया है… चुपचाप बात सुनो, अभी हम बोल रहे हैं ।
बिलकुल बिहार विधानसभा जैसा तो नहीं, लेकिन राज्यसभा में भी मिलता जुलता ही वाकया देखने को मिला. बजट पर संसद के दोनों सदनों में चल रही चर्चा के दौरान राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस बार के बजट में केवल दो राज्यों को ही सरकार ने दिया है, बाकी किसी को कुछ नहीं मिला है. बीच में ही सभापति जगदीप धनखड़ ने बोला कि वित्त मंत्री आपके सवाल का जवाब देंगी. सभापति की बात पर मल्लिकार्जुन खरगे बोल पड़े, ‘मैं बोल लेता हूं… क्योंकि वो तो बोलने में एक्सपर्ट हैं… माताजी बोलने में तो एक्सपर्ट हैं… वो तो बोल ही देंगी.’वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बारे में मल्लिकार्जुन खरगे को बीच में ही टोककर सभापति जगदीप धनखड़ ने बता दिया, वो तो आपकी बेटी के बराबर हैं. मल्लिकार्जुन खरगे 82 साल के हो रहे हैं, जबकि निर्मला सीतारमण 64 साल की हैं ।
इसके पूर्व जब वे जब वे लालू की पार्टी के संग थे तब संपन्न जाति आधारित सर्वे के आंकड़े आज विधानसभा में पेश करते समय विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पापुलेशन कंट्रोल पर बात रखते समय कुछ ऐसा कह गए थे जिससे विवाद खड़ा हो गया था । दरअसल, जनसंख्या नियंत्रण और महिलाओं की पढ़ाई को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश सदन में कुछ बोल रहे थे। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कुछ ऐसा कह दिया जिस पर विधानसभा के अंदर भी विधायक सुनकर असहज हो गए। उन्होंने कहा कि बिहार में महिलाओं के साक्षरता बढ़ी है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि अगर लड़कियां पढ़ी-लिखी रहेंगी तो जनसंख्या खुद पर खुद नियंत्रित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि शादी के बाद तो पुरुष रात में रोज करता ही है ना। उसी में और बच्चा पैदा हो जाता है। इसके साथ ही उन्होंने जो कहा उसको लेकर विवाद और बढ़ गया । नीतीश ने कहा कि लड़की अगर पढ़ लिख लेगी तो उसको भीतर मत…. उसको डालो । इसी में संख्या घट रही है। हालांकि, नीतीश कुमार के इस अजीबोगरीब बयान पर कुछ महिला विधायक नाराज दिखीं तो वहीं कुछ विधायक हंस भी रहे थे।
बिहार विधानसभा के बाद नीतीश कुमार ने परिषद में भी ज्ञाने की बातें की। जनसंख्या नियंत्रण पर बातें करते-करते नीतीश कुमार परिषद में कुछ अधिक ही बोल गए। यहां पर उन्होंने वो बातें कह दी, जिसे हम लिख नहीं सकते हैं। नीतीश कुमार जब परिषद में बयान दे रहे थे, तब उनके पीछे बैठी एक महिला मंत्री कभी इधर तो कभी उधर देख रही थी। शायद में मंत्री जी के मन में चल रहा होगा कि गलत समय पर यहां बैठ गई। तब ही तो वह मुंह छिपाने का भी प्रयास कर रही थीं।
परिषद में नीतीश ने जो कुछ भी कहा, उसे सुन हर कोई हैरान था। पक्ष और विपक्ष के विधायक भी नीतीश कुमार के बयान से परेशान थे। बिहार मुख्यमंत्री ने जो कुछ भी कहा उसे सुन भाजपा की विधान पार्षद निवेदता सिंह रो बैठी थी । सदन से बाहर आने पर निवेदता सिंह ने कहा था कि नीतीश कुमार ने बिहार को शर्मसार करने का काम किया है। भाजपा नेत्री ने कहा था कि वे भी एक पिता हैं। हम भी मां, बहन, पत्नी और बेटी हैं। सदन में इस तरह का गंदा बयान देना कही से उचित नहीं है।
निवेदिता सिंह ने कहा था कि सदन में महिला विधायक और एमएलसी मौजूद रहीं। जिसका ख्याल नीतीश कुमार ने नहीं किया। मुख्यमंत्री बोल रहे थे और हम सभी उनकी बातों को सुन रहे थे। मैं तो सदन से बाहर निकल गई। अगर चाहती तो मुख्यमंत्री को जवाब देकर बाहर आती। लेकिन मेरे नेता वहां बैठे थे, इसलिए मैं चुप रही।
भाजपा एमएलसी ने आगे कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले विधानसभा में आपत्तिजनक बातें कही। विधान परिषद में हद पार करते हुए उन शब्दों का प्रयोग किया, जो कहीं से भी उचित नहीं है। शर्मनाक शब्दों का प्रयोग नीतीश कुमार ने क्यों किया, यह समझ से परे है। मुख्यमंत्री ने अपनी सारी मर्यादा को शर्मसार किया है। उनकी बातें मेरे कान गुंजती रहेगी । निवेदिता ने कहा कि जो विषय पर्दे के पीछे होता है, सारी दुनियां जानती है। मुख्यमंत्री अब किसको पढ़ाने लगे हैं। निवेदिता सिंह ने गुस्से में कहा था कि मुख्यमंत्री जी विधानसभा और विधान परिषद में सेक्स विद्यालय क्यों नहीं खुलवा देते हैं? जो काम पर्दे के पीछे होता है जो सभी लोग जानते हैं उसे उन्होंने सदन में रखने का काम किया। मुख्यमंत्री ने पूरी महिलाओं को बेइज्जत कर किया है।निवेदिता सिंह का कहना था नीतीश कुमार का इंटेंशन शुरू से खराब रहता है, किसी को भी कहीं भी अरे तरे कर देते हैं। कहा जाता है संगत से गुण होत है, संगत से गुण जाय। इनके डिप्टी मुख्यमंत्री नौवीं फेल हैं। मुख्यमंत्री जी तो इंजीनियर रहे हैं। इनकी भाषा अच्छी थी, लेकिन इन लोगों के साथ रहते-रहते उनकी भी आदत वैसी ही हो गई है।
विडम्बना अब यह है कि उस समय नीतीश कुमार का विरोध करने वाली भाजपा अब नीतीश कुमार के साथ है और उनके साथ तेजस्वी यादव, राजद की जगह भाजपा के विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी है पर नीतीश कुमार की आदत में कोई बदलाव नहीं आया है ।