स्वामी हंसराम उदासीन के सानिध्य में हुआ भव्य आयोजन
भीलवाड़ा । हरी सेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर भीलवाड़ा में गुरुवार, को कार्तिक मास शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि पर गोपाष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के सानिध्य में श्री गौ माता का विधिवत पूजन, अर्चन एवं गौ आरती का आयोजन हुआ। भक्ति और श्रद्धा से सराबोर इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।
गोपाष्टमी के पावन अवसर पर आश्रम परिसर में धार्मिक वातावरण छाया रहा। सभी गौ माताओं को लापसी, फल और गुड़ का भोग लगाया गया तथा भक्तों द्वारा स्नेहपूर्वक गौ सेवा की गई। कार्यक्रम के दौरान गौ माता के चरण स्पर्श, परिक्रमा और मंत्रोच्चारण के साथ उपस्थित श्रद्धालुओं ने धर्म लाभ प्राप्त किया।
इस अवसर पर स्वामी हंसराम उदासीन ने गोपाष्टमी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। वेदों में भी गौ माता को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि गौ माता में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास माना गया है और इसे कामधेनु का स्वरूप कहा गया है। स्वामी जी ने बताया कि समुद्र मंथन से कामधेनु का प्राकट्य हुआ था और इसी दिव्य दिवस पर भगवान श्रीकृष्ण ने गौ चारण सेवा का आरंभ किया था। इस दिन गौ पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
पूजन कार्यक्रम में संत मायाराम, संत राजाराम, संत गोविंदराम, ब्रह्मचारी इन्द्रदेव, सिद्धार्थ, कुणाल, मिहीर, आचार्य सत्यनारायण शर्मा, पं. मनमोहन शर्मा, अशोक मूंदड़ा सहित अनेक भक्तगण उपस्थित रहे। भक्तों ने गौ सेवा करके पुण्य लाभ प्राप्त किया और संकल्प लिया कि गौ संरक्षण और सनातन संस्कृति के संवर्धन में अपनी भूमिका निभाते रहेंगे।
गौ पूजन और आरती के पश्चात प्रसाद का वितरण किया गया। कार्यक्रम के दौरान पूरे आश्रम परिसर में “गोमाता की जय”, “श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी” जैसे जयघोष गूंजते रहे, जिससे वातावरण अध्यात्म और दिव्यता से भर गया।


