आसींद/जबरकिया । क्षेत्र के मोतीपुर पंचायत में पक्के कार्यों में गड़बड़ी से लोगों में गुस्सा है। आगे-आगे निर्माण कार्य हो रहे हैं और चंद महीनों में उसे टूटने, बिखरने और फिर आनन-फानन में मरम्मत का खेल खेला जा रहा है।ठेकेदार ज्यादा फायदा कमाने के चक्कर में निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन करवा रहा है। इसके अलावा धौली में भीलों का मोहल्ला में सड़क के दोनों ओर नाली-नाले का निर्माण भी नहीं कराया गया है। इससे यह सीसी सड़क निर्माण के चंद महीनों बाद ही जल भराव होने और घटिया निर्माण की वजह से गंदगी से उखड़कर बर्बाद हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि पक्के निर्माण की शिकायत जनपद के अलावा अन्य अधिकारियों से भी कर चुके हैं,पंचायत पदाधिकारी मनमानी तरीके से काम करवा रहे हैं। मोतीपुर से सोडार रोड़ पर नाली निर्माण का जो अभियान चल रहा है, उसमें सामग्रियों के साथ साथ कार्यों के समय को देख कर भी लोगों ने इन योजनाओं के अवधि का सहज अनुमान लगा लिया। इसी कड़ी में नाली ध्वस्त हो गई जिसने व्यवस्था की पोल खोल दी है। ग्रामीण भी निर्माण में गड़बड़ी बताने से नहीं चूकते। छोटे-छोटे बच्चों से लेकर महिलाओं तक ने कहा कि यहां कार्यस्थल पर ना कोई अभियंता और ना कोई तकनीकी जानकार कभी देखा गया। यदि निर्माण में बालू और सीमेंट का अनुपात प्राक्कलन के अनुसार होता और तकनीकी रूप से निर्माण कार्य पर नजर रखी जाती तो शायद चार-पांच महीने में नाली ध्वस्त होने की घटना नहीं घटती। बता दें कि सरकार द्वारा प्रति वर्ष करीब लाखों रुपये गली नाली और जल नल के लिए आवंटित की जाती है। इनमें करीब लाखों रूपये से मिट्टी भराई पीसीसी और नालियों का कार्य करना है। एक तरफ इन योजनाओं के लिए इस राशि को कम बताया जा रहा है तो दूसरी तरफ प्राक्कलन तैयार कर जिस नाली और गली योजना पर जितनी राशि खर्च करनी है। उस निर्माण कार्यों में भी लूट खसोट मची हुई है। प्रशासन इनकी जनता से जांच की जाए घटीया निर्माण कार्य को रोका जाए अन्यथा जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा । ग्रामीण द्वारा उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है ।