पुनित चपलोत
भीलवाड़ा । राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर में 30 सितंबर को आयोजित धार्मिक-राजनीतिक कार्यक्रम को लेकर छात्र संगठन एनएसयूआई ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। जिलाध्यक्ष भावेश कुमार पुरोहित के नेतृत्व में संगठन ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। साथ ही मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर विश्वविद्यालयों में कट्टरपंथी संगठनों की बढ़ती गतिविधियों पर रोक लगाने और गिरफ्तार किये गये छात्र नेताओं की रिहाई की मांग की। एनएसयूआई ने अपने ज्ञापन में कहा कि जिस विश्वविद्यालय को ज्ञान और संवाद का केंद्र होना चाहिए था, वहां कट्टरपंथी संगठनों द्वारा लव जिहाद जैसे मुद्दों पर प्रचार किया गया और शस्त्र पूजन जैसे धार्मिक-राजनीतिक आयोजन किए गए। संगठन ने इसे शिक्षा के मंदिर में असहिष्णुता और नफरत फैलाने की कोशिश बताया। एनएसयूआई नेताओं का आरोप है कि जब कुछ छात्रों ने इस कार्यक्रम का लोकतांत्रिक ढंग से विरोध किया तो पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में लिया और मारपीट की। इसमें प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ सहित कई छात्र नेताओं को गिरफ्तार किया गया। संगठन ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र पर सीधा हमला करार दिया।एनएसयूआई के भीलवाड़ा जिलाध्यक्ष भावेश पुरोहित ने कहा कि विश्वविद्यालय किसी भी विशेष विचारधारा का मंच नहीं बन सकते। यदि ऐसी गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई गई और गिरफ्तार छात्रनेताओं की रिहाई नहीं की गई तो एनएसयूआई प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों व एसडीएम हैडक्वाटर्स पर आंदोलन करेगा। पुरोहित ने कहा कि उनकी मांग विश्वविद्यालयों में धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों पर रोक लगाने, विरोध करने वाले छात्रों की रिहाई व उन पर की गई कार्रवाई की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने और शैक्षणिक माहौल और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की है। इससे पहले एनएसयूआई जिलाध्यक्ष पुरोहित के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया।


