मामराज मीणा
खुलेआम बिक रही मिठाइयों में मिलावटी मावे:त्योहारी सीजन में बिकने लगी मिलावटी मिठाइयां विभाग न सैंपल ले रहा, न दे रहा कोई समझाइश।
अलवर प्रशासन का गांवों की ओर ध्यान तक नहीं ऐसा क्यों…?
मिलावटखोरों द्वारा बड़ी मात्रा में नकली और अमानक मावे की सप्लाई भी धड़ल्ले से की जाती है।
विराटनगर (जयपुर)स्मार्ट हलचल/थानागाजी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत गोलाकाबास में जोधपुर मिष्ठान भंडार सहित मिष्ठान भंडारों, दूध-मावे की दुकानों पर चल रहा मिलावटखोरों का धड़ल्ले से कारोबार प्रशासन की आंखों पर काली पट्टी, दीपावली रोशनी और उमंग का त्यौहार को देखते हुए घर घर में कई प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं। दीपावली पर्व के दौरान मावे की खासी मांग क्षेत्र में बढ़ जाती है। और इसी मांग को देखते हुए अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के लिए, मिलावटखोरों द्वारा बड़ी मात्रा में नकली और अमानक मावे की सप्लाई भी धड़ल्ले से की जाती है। इस बार भी त्यौहार के नजदीक आते ही कस्बे के मुख्य बाजार में मावे की सप्लाई बढ़ गई है लेकिन अभी तक उसकी जांच या निरीक्षण के लिए प्रशासन ने कोई कार्रवाई शुरू नहीं की है। ऐसे में संभावना बनी हुई है कि क्षेत्र के लोगों को अमानक और दूषित मावे के उपयोग के कारण अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ करना पड़े।
ग्रामीण क्षेत्रों में अमानक मिठाइयों की भरमार त्योहार के पहले शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में अस्थाई रूप से मिठाइयों की कई दुकानें लग जाती हैं। मैं अमानक तरीके से और हानिकारक पदार्थों से बनी मिठाइयों को साफ देखा जा सकता है। कुछ मिठाइयों का रंग तो इतना भड़कीला होता है जिसे वह खाद्य पदार्थ ना होकर कोई धातु की सामग्री हो। लेकिन त्योहार के अंतिम समय में खाद विभाग द्वारा होने वाली कार्रवाई सिर्फ शहरी क्षेत्र तक कुछ दुकानदारों के आस-पास ही सीमित होकर रह जाती है ऐसे में हर साल ग्रामीण क्षेत्रों और साप्ताहिक हाट बाजार में बड़ी मात्रा में अमानत खाद पदार्थ की बिक्री हो जाती है। एक प्रकार से लोगों के लिए धीमा जहर है।