कृष्ण सैनी धांधेला
पाटन।स्मार्ट हलचल।पंचायत समिति पाटन की ग्राम पंचायत बल्लूपुरा के राजस्व ग्राम मोहनपुर खरकड़ा के बूथ नंबर 69 पर शुक्रवार को हुए मतदान में सबसे कम मतदान 1 पॉइंट 12% हुआ, जो नीमकाथाना जिले का सबसे कम मतदान केंद्र का बूथ रहा है। नीमकाथाना का मत प्रतिशत 48.84 प्रतिशत ही रहा है। सबसे कम मतदान केंद्र रहने के पीछे क्या कारण रहा, आखिर इसका जिम्मेदार कौन है ? यह चर्चा का विषय बना हुआ है। इसकी जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि मोहनपुरा खरकड़ा के मतदाताओं ने ‘पानी नहीं तो वोट नहीं’ को लेकर चुनावों का बहिष्कार कर दिया था।
ग्राम मोहनपुरा खरकड़ा के लोगों ने लोकसभा के चुनावों का बहिष्कार करते हुए शुक्रवार को मतदान नहीं किया । ग्रामीणों का कहना था कि ‘पानी नहीं तो वोट नहीं’ इसी को लेकर ग्रामीणों ने चुनावों का बहिष्कार किया था जिसके कारण बूथ नंबर 69 जिसमें कुल मतदाता 1248 है जिसमें मोहनपुरा, खरकड़ा और उपली ढाणी शामिल हैं, परंतु ग्रामीणों ने पानी नहीं तो वोट नहीं को लेकर चुनावों का बहिष्कार करते हुए मतदान नहीं किया, जिसके चलते बूथ केन्द्र भी खाली देखने को मीले। वहीं स्थानीय प्रशासन मतदाताओं से समजाईस की, परंतु ग्रामीणों ने प्रशासन की एक भी बात नहीं मानी। ग्रामीणों के बहिष्कार के चलते बहुत मुश्किल से इस बूथ पर 14 वोट ही डल पाए, जिससे इस बूथ का मत प्रतिशत सबसे कम रहा, यानी 1 पॉइंट 12% ही रहा। ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय प्रशासन द्वारा ग्रामीणों के द्वारा किए गए बहिष्कार को तोड़ने के लिए अपने स्तर पर काफी दबाव भी बनाया परंतु ग्रामीण के आगे प्रशासन का दबाव फैल रहा। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि तहसीलदार मुनेश सर्वा द्वारा तहसील कार्यालय पाटन में कार्यरत एक महिला कर्मचारी पर दबाव बनाकर वोट डलवाया गया । इस पर लोगों को पता चला कि एक वोट गिर चुका है , तीनों ढाणी के मतदाता अपने-अपने घरों में बैठे रहे। ग्रामीणों को मतदान करने हेतु पंचायत समिति पाटन के विकास अधिकारी रामचंद्र सैनी बूथ केन्द्र पर पंहुच कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से वोट डालने को कहा। जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने वोट डालने के लिए
मना किया तो, विकास अधिकारी ने महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक संजय चेतानी को कहा कि आप अपने कार्यकर्ताओं को मतदान करने को कहे। इस बारे में महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक संजय चेतानी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि विकास अधिकारी रामचंद्र सैनी का फोन मेरे पास आया था और उनके बात करने का अंदाज गलत था। लोकतंत्र के पर्व पर हम किसी पर दबाव नहीं डाल सकते, मतदान करना या नहीं करना मतदाता का स्वयं का निर्णय होता है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि तहसीलदार मुनेश सर्वा ने भी हमारे गांव की महिला जो पाटन तहसील कार्यालय में कार्यरत हैं उस महिला कर्मचारी पर भी दबाव
बनाकर मतदान करवाया है जो लोकतंत्र का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन है। ग्रामीणों को मतदान हेतु जलदाय विभाग के अधिशाषी अभियंता दिलीप कुमार तारग, कनिष्ठ अभियंता शकील खान ने भी काफी समझाने का प्रयास किया परंतु ग्रामीणों ने एक भी नहीं सुनी।
ग्रामीणों का कहना है—ग्रामीणों ने बताया कि तीनों ढाणियों में काफी वर्षों से पानी की भयंकर समस्या बनी हुई है, संबंधित अधिकारियों को अनेकों बार अवगत भी करवाया गया परंतु जब समस्या का समाधान नहीं हुआ तो मजबूर होकर यह कदम उठाना पड़ा।
भाजपा और कम्युनिस्ट पार्टी को हुआ नुकसान—मोहनपुरा, खरकड़ा,नई बस्ती ऊपली ढाणी में मतदान नहीं होने से भाजपा एवं कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवारों को नुकसान हुआ है, क्योंकि इन तीनों गांवों में दोनों उम्मीदवारों को वोट मिलते और मत प्रतिशत भी बढता ,परंतु समय रहते अधिकारियों द्वारा समस्या का समाधान नहीं होने से दोनों उम्मीदवारों को इन मतों का नुकसान उठाना पड़ा है।