—-> उपवास व्रतों के साथ मनाया जा रहा है दशलक्षण पर्व।
—-> बिना अन्न जल के बत्तीस उपवास कमला देवी जैन कीए।
महेंद्र कुमार सैनी
स्मार्ट हलचल /नगर फोर्ट: उपखंड उनियारा के बनेठा कस्बे में स्थित नेमीनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर एवं महावीर दिगम्बर जैन बिचला मंदिर प्रांगण में जिन प्रतिमाओं के अभिषेक,शांतिधारा,नित्य नियम पूजन,दसलक्षण धर्म के अंतर्गत उत्तम आकिंचन धर्म की पूजा और भजनों से समस्त वातावरण भक्तिमय हो गया। प्रात:काल से कस्बें के सभी मंदिरों में णमोकार मंत्र की गूंज सुनाई फर रही हैं ।वहीं सायंकाल मंदिरों में हो रहे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देख भक्त भाव विभोर हो रहे हैं। समाज के हरीश जैन पांड्या ने बताया कि प्रातः श्रीजी को पांडुकशिला पर विराजमान कर शांतिधारा करने का सौभाग्य सुनिल पाटनी एवं प्रेमचन्द अजय पांडया को प्राप्त हुआ। वही मूलनायक चन्द्रप्रभु भगवान पर वृहत शांतिधारा करने का सौभाग्य तेजमल जैन दीपक कुमार,मनोज कुमार को प्राप्त हुआ। हेमचंद सौगाणी ने बताया कि जैसे-जैसे पर्यूषण पर्व अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है श्रावकों का उत्साह बढ़ता जा रहा है। इस दौरान श्रावक भक्तिभाव से नाचते-गाते हुए प्रभु की वंदना करते हैं। वहीं पर्व के दौरान श्रावक संयम का पालन कर व्रत और उपवास कर कर्मों की निर्जरा कर रहे हैं। दिगम्बर जैन समाज के दशलक्षण पर्व में कई श्रावक-श्राविकाओं द्वारा बत्तीस,दस उपवास,रत्नत्रय उपवास पूर्ण करने की ओर बढ़ रहे हैं। जैन समाज में उपवास के दौरान किसी भी प्रकार के खाने पीने का पूर्ण त्याग होता है। ऐसे ही बत्तीस उपवास करने वाले कमला देवी जैन है। जिन्होंने विगत तीन वर्षों से भाद्रपद महिने में बत्तीस दिनों का उपवास किया। वहीं रत्नत्रय उपवास करने वालो में निकिता जैन,श्रेया जैन हैं। दिगम्बर जैन समाज इनकी बहुत बहुत अनुमोदना की। शाम को जैन श्रावकों ने सामूहिक रूप से प्रतिक्रमण कर श्रीजी की महाआरती की।