पत्थरचट्टा एक सदाबहार पौधा है, जिसका अर्थ है कि यह पौधा हर मौसम में हरा-भरा होता है। ये एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी भी है। इसके पत्ते मध्यम आकार के होते हैं और इनकी मोटाई सामान्य से थोड़ी अधिक होती है। पत्थरचट्टा (Patharchatta health benefits) में कई प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं, जिनकी मदद से इसका इस्तेमाल अनेक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का घर पर इलाज करने के लिए किया जाता है। आजकल मार्केट में पत्थरचट्टा का रस, उसके सूखे पत्तों का चूर्ण और ताजे पत्ते भी आसानी से मिल जाते है
ब्रायोफिलम पिनाटम (पथरचट्टा) का उपयोग कैसे करें?
ब्रायोफिलम पिनाटम (पथरचट्टा) को अक्सर इसके सजावटी मूल्य के लिए सराहा जाता है, लेकिन यह पारंपरिक प्रथाओं में इसके औषधीय उपयोगों के लिए भी जाना जाता है। इसका उपयोग विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है, जिसमें अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधी समस्याएं, कट और जलन जैसे घाव और गठिया जैसी सूजन संबंधी स्थितियां शामिल हैं। पत्तियों में ऐसे यौगिक होते हैं जिनमें एंटीसेप्टिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण हो सकते हैं
पत्थरचट्टा कौन-कौन सी बीमारी में काम आता है?
गठिया में फायदेमंद है पत्थरचट्टा
पथरचट्टा में सूजन-रोधी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं। परिणाम से पता चला कि पथरचट्टा के तने का अर्क दर्द और सूजन को कम कर सकता है। खासकर कि हड्डियों से जुड़ी समस्याएं जैसे कि गठिया और जोड़ों के दर्द में पथरचट्टा का सेवन फायदेमंद है।
पथरी में फायदेमंद है पथरचट्टा
गुर्दे की पथरी कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल से बनी होती है। पथरचट्टा पौधे का सैपोनिन कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल को तोड़ सकता है। ये पथरियों को पानी के साथ फ्लश ऑउट करने में मदद करता है और फिर किडनी को स्वस्थ रखने में मददगार है।
डायबिटीज में पत्थरचट्टा
पत्थरचट्टा के पत्ते कैसे खाएं?
पत्थरचट्टा के पत्तों को उबाल लें और इसमें नमक मिला लें और फिर इसके रस को छान लें। फिर इसे एक कप में डालें और आराम से बैठकर इसका सेवन करें। इसके अलावा आप इनकी पत्तियों को पीसकर इनका अर्क निकालकर भी इनका सेवन कर सकते हैं। इस प्रकार से पत्थरचट्टा के पत्तों का सेवन सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है।