मूलचन्द पेसवानी
स्मार्ट हलचल|भीलवाड़ा शहर के कोली मोहल्ला स्थित पौराणिक भगवान देव नारायण मंदिर में भादवा छठ के अवसर पर समाज की ओर से शिखर कलश स्थापना का आयोजन हुआ। धार्मिक माहौल और उत्साह से भरपूर इस आयोजन में बड़ी संख्या में समाज बंधु, महिलाएं और युवा शामिल हुए। कलश स्थापना से पूर्व भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जो नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए पंचायत भवन पहुंची। समाज ने घोषणा की कि इस आयोजन से प्राप्त राशि का शेष भाग पंचायत भवन के जीर्णोद्धार में उपयोग किया जाएगा।
मंदिर सेवक रामलाल तलाया ने बताया कि शिखर कलश स्थापना से पहले सुबह मंगल कलशों की शोभायात्रा निकाली गई। यह यात्रा देव नारायण मंदिर से शुरू होकर शहीद चैक, झलकारी बाई सर्किल, सिद्धि विनायक रोड, खटीक मोहल्ला, दादाबाड़ी होते हुए पंचायत भवन पहुंची। शोभायात्रा में लगभग तीन सौ महिलाओं ने सिर पर मंगल कलश धारण कर भाग लिया, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया। युवाओं ने उस्ताद बुद्धि प्रकाश बछापरिया के नेतृत्व में अखाड़ा प्रदर्शन कर आकर्षण का केंद्र बने।
समाज के सचिव मुरलीधर लोरवाड़िया ने बताया कि भादवा पंचमी की रात पंचायत भवन में जागरण का आयोजन हुआ। ओमप्रकाश प्रजापत एंड पार्टी ने साडु माता का लाल, म्हारे घर आया देव नारायण, बाबा रामदेव जी के भजन जैसे प्रस्तुतियों से उपस्थित महिलाओं और श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। भजन संध्या में कांति लाल कोली रेवदर, सावित्री कोली, पन्नालाल कोली सहित अन्य भजन गायक कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से वातावरण को धार्मिक रंग में रंग दिया।
अध्यक्ष ओमप्रकाश सुनारिया ने बताया कि वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पंडित हरिओम शास्त्री द्वारा हवन-पूजन संपन्न कराया गया। संत माया राम (हरीसेवा उदासीन आश्रम) और नागपुरी महाराज (भटाना) की पावन उपस्थिति में शिखर पर कलश स्थापना की गई। इस अवसर पर पुर, बनेड़ा, शाहपुरा, जावद टोंक, बघेरा, केकड़ी सहित कई गांवों से आए समाज बंधुओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम में कोषाध्यक्ष महेंद्र गेंडावध ने बताया कि आयोजन में विशेष सहयोग देने वालों को मारवाड़ी पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि शिखर कलश स्थापना में प्राप्त राशि का शेष पंचायत भवन के जीर्णोद्धार में लगाया जाएगा।
कार्यक्रम की सफलता में चुनीलाल फतेहपुरी, बालू लाल बछापरिया, रूपलाल भागीरथ, लक्ष्मण, मोती सिंह, सेवंतीलाल, राकेश, सुनील, सोनू, किशन, देवी लाल, हरिनारायण, गोपाल, मोतीलाल अमेरिया, लक्ष्मी नारायण आदि का विशेष सहयोग रहा।