बानसूर। स्मार्ट हलचल/कृषि विभाग द्वारा गुरुवार को कृषि विज्ञान केन्द्र, गुंता में नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल-तिलहन योजनान्तर्गत तिलहनी फसलों का उत्पादन, उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को जागरुक करने एवं राज्य को तिलहनी फसलों में आत्म निर्भर बनाने व प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से गुरुवार को जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया संयुक्त निदेशक कृषि महेंद्र जैन ने बताया कि कार्यशाला में किसानों को तिलहनी फसलों का उत्पादन, उत्पादकता बढ़ाने के लिये जागरुक किये जाने एवं राज्य को तिलहनी फसलों में आत्म निर्भर बनाने हेतु विभिन्न तैलीय फसलों जैसे सरसों, तारामीरा, मूंगफली आदि की आधुनिक तकनीको से खेती करने के लिये बीज, उर्वरक, कीट-व्याधि से बचाव, सुरक्षित भण्डारण, खरपतवारों का नियंत्रण की जानकारी कृषि विज्ञान केन्द्र, गुंता, बानसूर के डाॅ. एस.के. शर्मा, वैज्ञानिक व उनकी समस्त टीम द्वारा दी गई। कार्यशाला में उपखण्ड अधिकारी अनुराग हरित द्वारा किसानो को कृषि विभाग की सलाह से खेती कर अच्छी पैदावार लेने व फार्मर रजिस्ट्री कैम्पों में भाग लेने का आव्हान किया गया। कार्यशाला में महेन्द्र कुमार जैन, संयुक्त निदेशक द्वारा किसानों को रासायनिक खादों व कीटनाशी के उपयोग को कम करते हुये जैविक खेती किये जाने व विभागीय योजनाओं का अधिकाधिक लाभ लिये जाने की सलाह दी गई।
कार्यशाला में बानसूर, नारायणपुर के किसानों, विभागीय अधिकारियो, कार्मिको, सहित कृषि मण्डी के सचिव आशीष यादव, तहसीलदार, तैल प्रसंस्करण ईकाईयों के स्थानीय प्रतिनिधियों, सहायक निदेशक कृषि बहरोड, कोटपूतली व कृषि अधिकारियों द्वारा भाग लिया गया। कार्यशाला में 100 से अधिक सहभागी मौजूद रहे।