किशन खटीक
रायपुर 02 नवम्बर । रायपुर में दीपावली के दूसरे दिन प्राचीन परंपरा के तहत खेखरा पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शनिवार को महिलाएं सुबह जल्दी उठी तथा अपने-अपने घरों के बाहर गोबर से गोवर्धन बनाया एवं पूजा-अर्चना कर सुख-शांति की कामना की। दोपहर से शाम तक किसान वर्ग ने अपने-अपने बैलों एवं ट्रैक्टरों को सजाया। शाम को गोधुली बेला में सभी कास्तकार अपने बेलों की जोडिय़ां को लेकर गांव के कुम्हार मोहल्ला आवड़ा चौक सुथार व जाट समाज के चारभूजा मंदिर प्रांगण में पहुंचें जहां पर सामूहिक रूप से अपने अपने बेलों की जोडिय़ों की पूजा अर्चना कर उनको गुड लापसी खिलाई गई बैलों की विधिविधान द्वारा पूजा-अर्चना कर बैलों की आरती उतारी पटाखे छुड़ाकर भड़काया गया। ऐसा करने से सालभर बैलों के कोई रोग नहीं होता है। अंत में अन्नकूट की प्रसादी का आयोजन भी हुआ। रात्रि में किसान वर्ग ने दीपावली के दूसरे-दिन एक-दूसरे के घर पर जाकर दीपावली की राम-राम भी की। बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया तथा हम उम्र के लोगों को गले मिलकर मुंह माठा कराकर एक-दूसरे को बधाइयां दी।