कंचन देवी ने कलेक्टर बोहरा को न्यायस्वरूप हक दिलाने पर ह्रदय से धन्यवाद दिया।
शाहपुरा@(किशन वैष्णव)प्रशासन यदि कार्यनिष्ठ हो तो कोई अपने अधिकारों से वंचित रहे ये संभव ही नहीं है यही दर्शाती है शाहपुरा के बछखेड़ा ग्राम निवासी कंचन देवी की कहानी कृषि परिवेश से संबंध रखने वाली 28 वर्षीय कंचन देवी भील आर्थिक रूप से बेहद कमजोर परिवार से संबंध रखती है जिनके पति सामान्य किसान है तथा दैनिक जीवन यापन करने में भी कम आय होने के कारण उन्हें कई अभावों से गुजरना पड़ रहा है!आभावो में बीत रही दिनचर्या में कंचन देवी तथा उनके परिवार को जीवन में प्रगति की किरण तब दिखाई देती है जब उन्हें आंगनवाड़ी में निकली कार्मिको की भर्ती में बारे में ज्ञात होता है।कंचनदेवी ने आंगनवाड़ी कार्मिक भर्ती के बारे में मालूम होने के साथ ही कई उम्मेदें आँखों में सजोकर इसके लिए पिछले साल फ़रवरी (2023) में आवेदन किया।आवेदन करने के कई माह बीत जाने के पश्चात भी परिणाम जारी ना होने तथा ख़ुद के चयन पर आशंका के बादलो को घिरता देख जब कंचन देवी ने पड़ताल की तो उन्हें पता चला की मूल दस्तेवाजो की ठीक से जाँच ना होने के कारण इस भर्ती हेतु उनके आवेदन को अमान्य ठहराया जा रहा है जैसे ही कंचन देवी को सारी जानकारी मिली तो वह घबराकर उनके क्षेत्र के पदस्थापित सीडीपीऑ से मिली और उन्हें सारे प्रकरण से अवगत करवाया परंतु चयन का सांत्वना मिलने के बाद भी विभागीय लापरवाही के खामियाज़े के तौर पर कंचन देवी के हाथ सिर्फ़ निराशा ही लगी।सारी उम्मीदे समाप्त होती देख कर विचलित मन से कंचन देवी ने शाहपुरा के ज़िला कलेक्टर टीकम चन्द बोहरा के समक्ष न्याय के लिए गुहार लगाई जो उनके लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुई | ज़िला कलेक्टर टीकम चन्द बोहरा ने ना केवल इस पूरे प्रकरण की तह तक जाँच करवाई बल्कि आर्थिक रूप से असक्षम कंचन देवी को उनके अधिकार के रूप में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के तौर पर पदस्थापित भी करवाया।ज़िला कलेक्टर श्री बोहरा ने ज़िले के सीडीपीऑ तथा संबंधित विभाग को हुई इस लापरवाही के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए उनकी कड़ी निंदा की तथा भविष्य में प्रत्येक प्रकरण में उचित जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये सख़्त निर्देश भी दिये।
बछखेड़ा निवासी कंचन देवी ने ज़िला कलेक्टर बोहरा का उन्हें न्यायस्वरूप उनका रोज़गार प्राप्त करवाने के लिये ह्रदय से धन्यवाद अर्पित किया |