भीलवाड़ा 27 अगस्त ।स्मार्ट हलचल|पर्युषण महापर्व का मुख्य दिवस “संवत्सरी” साध्वी उर्मिला कुमारी के सान्निध्य में तेरापंथ नगर में मनाया गया।साध्वी उर्मिला कुमारी ने अपने प्रवचन में कहा कि “संवत्सरी” आत्मा की शुद्धि का दिन है। क्षमा केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और संबंधों में समरसता का वास्तविक सूत्र है। क्षमा से कटुता मिटती है, मन का बोझ हल्का होता है और जीवन में सच्चा सुख प्राप्त होता है। हमें चाहिए कि केवल आज ही नहीं बल्कि जीवन के हर क्षण क्षमाशीलता को अपनाएँ।”
साध्वी मृदुल यशा ने अपने प्रवचन में कहा कि “क्षमा मांगना ही पर्याप्त नहीं, बल्कि दूसरों को दिल से क्षमा करना भी उतना ही आवश्यक है। संवत्सरी हमें अहिंसा, संयम और आत्मावलोकन का संदेश देती है। यह दिन आत्ममंथन करने और जीवन को सकारात्मक दिशा देने का श्रेष्ठ अवसर है।”