24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में जप,ध्यान,योग के साथ दी आहुतियां
स्मार्ट हलचल/काछोला 20 जनवरी-कस्बे में अखिल विश्व गायत्री परिवार शाखा काछोला व शांतिकुंज हरिद्वार के सानिध्य में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं पावन प्रज्ञा पुराण कथा के दौरान हरिद्वार से विदुषी बहन सविता चडोकार ने धर्मसभा के दौरान कहा कि विज्ञान की प्रगति से वर्तमान में भौतिक सुख सुविधाओं का अंबार लगा हुआ है जिससे आमजन विषमता,अनाचार,भ्र्ष्टाचार,अज्ञान,रूढ़ियों,कुरीतियो, से पर्यावरण प्रदूषण दुश्चिंतन से लोग त्रस्त है,मनुष्य का जीवन जैसे-जैसे बढ़ता है, समस्याएं, कठिनाइयों का उन्हें सामना करना पड़ता है। कुछ समय तक अभिभावक उनकी विपदाओं को दूर करते हैं। लेकिन जैसे ही युवा होता है, उस समय अभिभावक उसे अपनी समस्याओं का समाधान उन्हें स्वयं ढूंढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। युवाओं में यदि सकारात्मक सोच हो, तो वह वायु का रुख भी बदल लेता है। लेकिन, जब वह अपरिपक्व हो, तो स्वयं हवा के झोंके में बह जाता है
और कहा कि ऐसे समय में उन्हें अपने भीतर झांकने की आवश्यकता पड़ती है।
वही धर्मसभा में ज्योति रघुवंशी ने श्रद्धालुओं को कहा कि
भारतीय संंस्कृति एवं शास्त्रों में एक ऐसा मंत्र है, जिससे बच्चे, युवा से लेकर बुजुर्ग तक अपने कष्ट से निजात पा सकते हैं। कष्ट चाहे शारीरिक हो या मानसिक। पारिवारिक समस्याओं से भी मुक्ति का मार्ग दिखाने में सक्षम है। यह मंत्र भारत के प्राचीनतम ग्रंथ ऋग्वेद में उल्लेखित है। इसके साथ ही कई आर्षग्रंथों में भी इसका वर्णन मिलता है। इस महामंत्र का जप मनुष्य मात्र को उत्थान, प्रगति की ओर ले जाता है। पिछले कुछ वर्षों में इस पर तर्क, तथ्य एवं प्रणाम के साथ हुए शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि इस मंत्र में अपार शक्ति है।
गायत्री मंत्र को देव मंत्र भी कहा जाता है। इस मंत्र का अर्थ है- उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुख-स्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देव-स्वरूप परमात्मा को हम अपनी अन्तरात्मा में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।
दी यज्ञ में आहुतियां- गायत्री परिवार के दिनेश योगी ने बताया कि बाग के बालाजी कथा स्थल पर रात्रि में लोक रजन से लोक मंगल,संगीत प्रवचन एवम दीप यज्ञ,जप,ध्यान,प्रज्ञा योग,व्यायाम,गायत्री महायज्ञ एवम जन्म दिवस संस्कार कराए गए।साथ ही हरिद्वार शांतिकुंज की टोली द्वारा गायत्री मंत्र की साधना,एवम समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ आहुतियां दी।
इससे पूर्व गायत्री परिवार काछोला के ट्रस्टी माया देवी बसेर,गीता देवी माली,गीता माहेश्वरी,पूजा योगी ,अनुसुइया सोनी,संतोष पोरवाल,मंजू मालू,राधा देवी मालू,नीलम शर्मा ने सभी को कुमकुम तिलक,मा गायत्री का उपरणा ओढ़ाकर स्वागत किया।जगदीश बसेर, डॉ कैलाश चन्द्र वैष्णव, संदीप सोनी,नवल किशोर दाखेड़ा,नवरतन लढ़ा, चांद मल टेलर,दिनेश योगी,लादू लाल सोनी,पुरुषोत्तम लढ़ा,सहित आदि ने महायज्ञ में आहुतियां देकर घर,परिवार, समाज,व समस्त मानव जाति के लिए सुख समृद्धि खुशहाली की कामना की।
फ़ोटो केप्शन -कस्बे में बाग के बालाजी चल रहे