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अजमेर दरगाह में दुकान विवाद ने लिया हिंसक रूप, खादिम पर चाकू-सरिए से हमला; एक जायरीन भी घायल

(हरिप्रसाद शर्मा )

अजमेर/स्मार्ट हलचल| अजमेर शरीफ दरगाह परिसर में फूल और चादर की एक दुकान को लेकर चला आ रहा पुराना विवाद मंगलवार रात अचानक हिंसक संघर्ष में बदल गया। दो पक्षों के बीच हुए टकराव में एक खादिम पर धारदार हथियारों और लोहे की रॉड से हमला किया गया, जिससे दरगाह क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल बन गया।

खादिम पर चाकू, सरिया और डंडे से हमला
घटना में खादिम सैयद तालिब हुसैन गंभीर रूप से घायल हो गए। उनके साथ मौजूद मुंबई से आए एक जायरीन को भी चोटें आई हैं। आरोप है कि हमलावरों ने चाकू, लोहे की रॉड और बेसबॉल के डंडे से हमला किया। पूरी वारदात दरगाह परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई है।

नमाज के बाद लौटते समय हुई वारदात
घायल सैयद तालिब हुसैन ने बताया कि वह मगरिब की नमाज अदा करने के बाद एक जायरीन के साथ दरगाह से बाहर निकल रहे थे। इसी दौरान तीन-चार लोगों ने अचानक उन पर हमला कर दिया। जान बचाने के लिए वह मोहम्मदी गेस्ट हाउस में घुसे, लेकिन आरोपियों ने वहां भी उनका पीछा करते हुए हमला जारी रखा। गले पर चाकू से वार करने की कोशिश को हाथ से रोकने पर उनके हाथ में गंभीर चोट आई।

जायरीन को भी आई चोट, अस्पताल में कराया गया भर्ती
तालिब के साथ मौजूद मुंबई निवासी जायरीन अजहर के पैर में भी चोट लगी है। घटना की सूचना मिलने पर परिजन मौके पर पहुंचे और घायल तालिब को गंभीर हालत में जेएलएन अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका उपचार किया जा रहा है।

पुलिस ने दर्ज किए बयान, जांच जारी
दरगाह थाना पुलिस के एएसआई गिरधारी लाल मौके पर पहुंचे और अस्पताल में सैयद तालिब हुसैन के बयान दर्ज किए। पुलिस के अनुसार पर्चा बयान ले लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।

घायल के पिता सैयद गौसुल इस्लाम ने बताया कि लंगरखाना मुसाफिर खाना के पास स्थित शॉप नंबर-8 वर्ष 1978 में उनकी मां के नाम अलॉट हुई थी। वर्ष 1985 में मां के इंतकाल के बाद दरगाह कमेटी ने यह दुकान बड़े बेटे होने के नाते उनके नाम कर दी थी।

रिश्तेदारी के नाम पर कब्जे का आरोप
उनका आरोप है कि दूर के रिश्तेदारों ने रिश्तेदारी का हवाला देकर दुकान संयुक्त रूप से चलाने की बात कही और पिछले तीन वर्षों से दुकान पर कब्जा कर रखा है। जब बारी बदलने की बात आई तो दूसरे पक्ष ने दुकान देने से इनकार कर दिया।

गौसुल इस्लाम ने बताया कि वर्ष 2022 में इस मामले को लेकर लीगल नोटिस दिया गया था और बैठक में बारी-बारी से दुकान चलाने पर सहमति बनी थी। इसके बावजूद धमकियां मिलती रहीं। उन्होंने 27 जून, 20 नवंबर और 17 दिसंबर को एसपी और कलेक्टर को शिकायतें देने तथा जान से मारने की धमकियों की रिकॉर्डिंग पुलिस को सौंपने की बात कही।

ग़ौरतलब है कि इस हमले के बाद दरगाह क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था और समय रहते कार्रवाई न होने को लेकर पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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