प्रेमावतार श्री कृष्ण चैतन्य महाप्रभु कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव में संर्कीत और शोभायात्रा में लगे हरि नाम के जयकारें
कोटा।स्मार्ट हलचल/प्रेमावतार श्रीकृष्ण चैतन्य महाप्रभु मंदिर समिति की ओर कृष्ण जन्मोत्सव भव्य संर्कीतन एवं शोभायात्रा का आयोजन किया गया।मीडिया प्रभारी रवि झंवर ने बताया कि गणेशनगर स्थित श्री गौरराधागोविन्दा जू मन्दिर के विष्णुपाद श्रीश्री 108 श्री चक्रधर प्रसाद, ब्रह्मचारी भक्ति शास्त्रीजी महाराज के प्रिय शिष्य वर्तमान आचार्य श्री हरे कृष्ण दास ब्रह्मचारी जी महाराज की पावन सन्निधि में कृष्ण भक्ति रस में हर्षोउल्लास के साथ पर्व मनाया गया। आचार्य श्री हरे कृष्ण दास ब्रह्मचारी ने कहा कि कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हमें धर्म की रक्षा का संदेश देता है।यह हमें सिखाता है कि हमें भी सदैव सत्य और धर्म का पालन करना चाहिए।कृष्ण और सुदामा की मित्रता हमें सिखाती है कि सच्ची मित्रता में कोई भेदभाव नहीं होता। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत व कर्तव्य पालन का पाठ भी पढाता है।
नारायण दास व ललित कृष्ण दास ने बताया कि प्रातः 5.30 बजे श्रीठाकुर जी की मंगलारती पश्चात् एक विशाल श्रीहरिनाम संकीर्तन प्रभातफेरी विनोवा भावे नगर कोटा में निकाली गई। प्रातः 07 बजे तक भजन-संकीर्तन-सत्संग हुआ। दोपहर 12 बजे से शाम 04 बजे तक मंदिर में अखंड श्रीहरिनाम संकीर्तन चला। जिसमें स्थानीय भक्तों के अलावा, भोपाल, सागर, दमोह, छतरपुर, बीना, विदिशा, नरयावली, भरतपुर, अजमेर, बृन्दावन से पधारे भक्त-मण्डलों ने भाग लिया।
शोभायात्रा में लगे राधा रानी के जयकारे
नारायण दास व ललित कृष्ण दास ने बताया कि शोभा यात्रा में अनेक झांकियों के साथ बैंड, डी.जे., घोड़े, रथ आदि का मनोहर दृश्य था। शोभा यात्रा में भक्तगण उच्च स्वर में श्रीकृष्ण के नामों उच्चारण को नृत्य करते हुए चल रहे थे। विभिन्न स्थानों पर शोभा यात्रा का स्वागत हुआ। श्रृद्धालुओं पर पुष्प हार, पुष्प वर्षा एवं प्रसाद वितरण-जगह-जगह किया। भागवत नाम की तुमुल ध्वनि की गूंज से मण्डल एवं समस्त वातावरण मंगलमय प्रतीत हो रहा था।अपरान्ह 06 बजे से पूज्य आचार्य जी महाराज के संरक्षण एवं पावन सानिध्य में एक विशाल, दिव्य एवं भव्य श्री हरिनाम संकीर्तन शोभा यात्रा महावीर नगर तृतीय स्थित श्री दण्डवीर हनुमान जी मन्दिर से प्रारम्भ होकर महावीर नगर चौराहा, खण्डेलवाल नर्सिंग होम, महावीर नगर द्वितीय के सम्राट चौक, महावीर नगर डिस्पेंसरी, अरिहन्त किराना के सामने से महावीर नगर थाना होते हुए पुन: श्री दण्डवीर हनुमान मन्दिर पर समापन हुई। राधे—राधे नाम जपते चलों,हरे राम..हरे रामा..हरे कृष्णा..कृष्णा…मिश्री से मिठ्ठो राम हमारी राधा रानी को…यदि भजनों पर भक्त नाचते गाते आगे बढ रहे थे।
रात्रि 8.30 बजे से भजन – कीर्तन एवं धर्म प्रक्तन हुए। पू. आचार्य जी महाराज ने श्रीकृष्ण के अवतार का प्रयोजन, उनके तत्त्व का वर्णन विशद रूप में किया रात्रि 12 बजे श्री ठाकुर जी का महाभिषेक दर्शन एवं आरती दर्शन का लाभ दर्शनार्थियों ने प्राप्त कर अपना मानव जन्म सफल किया।