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श्री संघ स्वाध्याय भवन न्यू आजाद नगर ने किया दीक्षार्थी सुनील गोखरू का अभिनंदन

भीलवाड़ा । भीलवाड़ा के सुनील गोखरू दिनांक 22 जनवरी को जावद में दीक्षा लेने जा रहे हैं । जीवन की कठिन एवम संयम की राह पर निकल चुके हैं। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन समाज श्रावक समिति स्वाध्याय भवन न्यू आजाद नगर में मुमुक्षु सुनील गोखरू का बहुमान एवं अभिनंदन किया गया।
संघ अध्यक्ष राजेश बापना ने बताया की मुमुक्षु सुनील गोखरू 60 वर्ष की उम्र में दीक्षा ग्रहण कर जिन शासन को गौरवान्वित करने एवं अपने आप को मोक्ष के मार्ग पर चलने का दृढ़ संकल्प ले चुके हैं। मंत्री प्रवीण कोठारी ने बताया कि श्री संघ द्वारा दीक्षार्थी भाई को शाल माला एवम पगड़ी पहनाकर गोद भराई की रस्म अदा की संघ संरक्षक महेंद्र पोखरणा एवं बसंती लाल मेहता ने अभिनंदन पत्र भेंट कर इनके उज्जवल भविष्य की कामना की अभिनंदन के कार्यक्रम में त्रिशला महिला मंडल की बहनों द्वारा चौबीसी गाकर एवं शाल माला पहनाकर बहुत-बहुत अनुमोदना की। इस दौरान दीक्षार्थी के बड़े भाई अनिल गोखरू, विमल चौधरी मंजू चौधरी आनंदीबेन कटारिया एवं स्नेह लता चौधरी आदि ने मोक्ष प्राप्ति हेतु दीक्षा का महत्त्व बताया। मीडिया प्रभारी मनीष बंब ने बताया की दीक्षार्थी भाई के अनुमोदन हेतु गोखरू परिवार के सभी सदस्य सुशील, अनिल प्रवीण ,गौरव ,हर्षिता, गरिमा, प्रियंका ,हितार्थ और कन्हैया लाल चौधरी आदि उपस्थित थे। मीडिया प्रभारी मनीष बंब ने दीक्षार्थी का परिचय बताते हुए उनकी शिक्षा दीक्षा एवं जीवनचर्या के बारे में बताया कि ये 10 वीं पास है। इनका दस्वेकालिक सूत्र का अध्ययन गतिमान है नव पद औली आदि तपस्यायें की है अपना पूरा जीवन धर्म के प्रति समर्पित कर दिया पिछले 4 वर्षों से आचार्य रामलाल जी महाराज साहब की सेवा में रहते हुए 5500 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर चुके हैं 4 साल से वैराग्य के भाव में रहते हुए प्रतिदिन सामायिक प्रतिक्रमण आदि धार्मिक क्रियाएं कर रहे हैं। मुमुक्षु की दीक्षा दिनांक 22 जनवरी को आचार्य रामलाल जी महाराज के सानिध्य में जावद मध्य प्रदेश में होने जा रही है इस पावन अवसर पर प्रेम सिंह चंडालिया, अनिल कोठारी, दिनेश चंडालिया, महावीर डांगी, प्रदीप चौधरी, संजय कोठारी, सुरेश सुराना,अनिल दासोत, तेजमल कांठेड़, शांतिलाल रांका, नेमीचंद सुराणा अनिल चौधरी आदि ने बहुत-बहुत अभिनंदन कर उज्जवल भविष्य की कामना की। मुमुक्षु सुनील ने अपने जीवन में आए परिवर्तन के बारे में बताया कि आचार्य रामलाल जी महाराज के सानिध्य में रहते हुए प्रतिदिन सामायिक,प्रतिक्रमण जैन धर्म के थोकड़े आदि का ज्ञान प्राप्त किया एवम प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में धर्म के प्रति समर्पित ओर मोक्ष के मार्ग पर चलने की बात कही।

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